By रितिका कमठान | Jul 29, 2024
जूते खरीदना अब आम इंसान के लिए महंगाई का सौदा हो सकता है। 1 अगस्त से नए गुणवत्ता मानक लागू होने जा रहे हैं, जिससे जूतों की कीमत बढ़ जाएगी। अगले महीने से बाजार में बिकने वाले जूते, सैंडल और चप्पलों को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के नवीनतम गुणवत्ता दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। 1 अगस्त, 2024 से प्रभावी होने वाले गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के अनुसार फुटवियर निर्माता नए मानकों का पालन करेंगे।
फुटवियर उद्योग पर ध्यान
1 अगस्त, 2024 से बीआईएस मानदंडों में सबसे प्रमुख बदलाव फुटवियर उद्योग से संबंधित हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य बाजार में उपलब्ध फुटवियर उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ाना है। जूते के अंदरूनी परत से लेकर बाहरी सामग्री तक के घटकों को रासायनिक संरचना, स्थायित्व और लचीलेपन के लिए कठोर परीक्षण से गुजरना होगा।
ये होंगे बदलाव
सख्त गुणवत्ता मानक: फुटवियर निर्माताओं को अब आईएस 6721 और आईएस 10702 दिशानिर्देशों का पालन करना होगा, जो कच्चे माल, निर्माण और समग्र स्थायित्व पर कठोर आवश्यकताएं लागू करते हैं।
कीमतों पर असर: इन नए मानकों को पूरा करने से जुड़ी बढ़ी हुई लागतों के कारण, यह उम्मीद की जा रही है कि जूते की कीमतें बढ़ सकती हैं। हालाँकि, नियम लागू होने के बाद इस पर नज़र रखी जानी चाहिए।
मौजूदा स्टॉक के लिए रियायत अवधि: विक्रेता पुराने स्टॉक को बेचना जारी रख सकते हैं, लेकिन उन्हें इस सूची का विवरण बीआईएस वेबसाइट पर पंजीकृत करना होगा।
46 वस्तुएं प्रभावित: कुल मिलाकर, 46 फुटवियर वस्तुएं संशोधित बीआईएस मानदंडों के अधीन होंगी।
छूट: बीआईएस नियम 50 करोड़ रुपये से कम वार्षिक कारोबार वाले निर्माताओं पर लागू नहीं होता है।
बेहतर उत्पाद गुणवत्ता: उपभोक्ता बेहतर गुणवत्ता वाले जूते की अपेक्षा कर सकते हैं, जिनमें अधिक टिकाऊपन और सुरक्षा विशेषताएं होंगी।
मूल्य समायोजन: संभावित मूल्य वृद्धि को समायोजित करने के लिए उपभोक्ताओं को अपने फुटवियर बजट को समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है।
बाजार समेकन: नए मानदंडों से फुटवियर बाजार का समेकन हो सकता है, क्योंकि छोटे खिलाड़ियों के लिए सख्त नियमों का अनुपालन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।