By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 16, 2017
नयी दिल्ली। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने कहा है कि निजी वाहनों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क में की गयी बढ़ोतरी सार्वजनिक परिवहन की कमी और अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई के कारण ‘‘बेअसर’’ रही। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त हरित पैनल ने दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में यह टिप्पणी करते हुए आठ नवंबर को लागू की गयी बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेने का निर्देश दिया है।
यह महत्वपूर्ण है कि श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत लागू इस बढ़ोतरी को केवल तभी लागू नहीं किया जाना था, जब वायु गुणवत्ता की स्थिति ‘आपात’ हो, बल्कि इसे तब भी लागू करना था जब गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ हो। हालांकि, ईपीसीए ने इसके प्रभावशाली क्रियान्वयन में ‘‘दिक्कतों’’ का हवाला देते हुए आज इस कदम को वापस ले लिया। इस बढ़ोतरी की वजह से सड़कों पर गाड़ियां खड़ी करने के कारण यातायात बाधित हो रहा था। ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने लिखा है कि सार्वजनिक परिवहन की कमी और कुछ हद तक, अवैध एवं अनाधिकृत पार्किंग के कारण यह कवायद बेअसर रही।