By अनन्या मिश्रा | Sep 08, 2025
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और पत्रकार रहे फिरोज गांधी का 08 सितंबर को हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था। वह कांग्रेस सांसद और एक राजनेता होने के साथ पत्रकार भी थे। फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी की शादी के किस्से आज भी काफी ज्यादा प्रचलित हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में आने के बाद फिरोज गांधी ने प्रेस की स्वतंत्रता को समझा। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर फिरोज गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
बॉम्बे में 12 सितंबर 1912 को फिरोज गांधी का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम फिरोज जहांगीर घांडी था। इनके पिता का नाम जहांगीर फरीदून घांडी और मां का नाम रति माई था। फिरोज गांधी के पिता मरीन इंजीनियर थे। पिता के निधन के बाद फिरोज गांधी इलाहाबाद आ गए। यहां पर उन्होंने इविंग क्रिश्चियन कॉलेज में एडमिशन ले लिया। बता दें कि जब फिरोज गांधी 18 साल के थे, तो उनकी जिंदगी में दो अहम पड़ाव आए, जिसमें पहला स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ाव और दूसरा नेहरू परिवार से करीबी बढ़ना था।
उस दौरान जब फिरोज गांधी इविंग क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ रहे थे, उसी दौरान जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू कॉलेज के बाहर सत्याग्रह की अगुवाई कर रहे थे। उस दौरान कमला नेहरू गश खाकर गिर पड़ीं और युवा फिरोज फौरन उनकी मदद के लिए आगे बढ़े। बस यहीं से फिरोज गांधी की 'आनंद भवन' में आवाजाही बढ़ी। इसी समय से फिरोज ने अपने नाम के आगे घांडी की जगह गांधी लगाना शुरूकर दिया, जोकि महात्मा गांधी के सम्मान से जुड़ा था।
बताया जाता है कि जब फिरोज गांधी ने पहली बार इंदिरा से शादी का अनुरोध किया था, तो उस दौरान इंदिरा की उम्र महज 16 साल की थी। वहीं इंदिरा की मां कमला नेहरू ने इस रिश्ते के लिए मना कर दिया था। क्योंकि उनकी बेटी की उम्र बहुत कम थी। इसके बाद फिरोज और इंदिरा दोनों पढ़ाई के लिए यूरोप चले गए। जहां पर लंदन में रहते हुए दोनों एक-दूसरे के करीब आए। जिसके बाद मार्च 1942 में आनंद भवन में वैदिक विधि से इंदिरा और फिरोज की शादी हुई।
वहीं 08 सितंबर 1960 को दिल्ली के धन वेलिंगटन अस्पताल में सुबह के समय फिरोज गांधी का निधन हो गया था।