By रितिका कमठान | May 30, 2025
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो लंदन और एथेंस जैसे प्रमुख शहरों सहित 10 नए अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने की तैयारी में है। इंडिगो सीधी फ्लाइट की शुरुआत कर वैश्विक स्तर पर भी खुद का विस्तार करने की तैयारी में है।
नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान एल्बर्स ने कहा कि भारतीय विमानन बाजार में संभावनाएं बढ़ रही है। इससे यात्रा मांग बढ़ रही है। ये तेजी से हो रहे बुनियादी ढांचे के विकास को प्रेरित कर रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट की मानें तो भारत की रणनीतिक स्थिति देश को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने अवसर दे रही है।
इंडिगो के नेटवर्क में अब इंटरनेशनल फ्लाइट्स को शामिल किया जाएगा जिसमें एम्स्टर्डम (नीदरलैंड), मैनचेस्टर (यूके), कोपेनहेगन (डेनमार्क), सिएम रीप (कंबोडिया) और मध्य एशिया के चार डेस्टिनेशन शामिल है। इनकी घोषणा आने वाले दिनों में होने वाली है। मुंबई से मैनचेस्टर और एम्सटर्डम के लिए सीधी उड़ानों की शुरुआत जुलाई से होगी। इन फ्लाइट्स को संचालित करने के लिए कंपनी बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर विमानों का उपयोग करेगी। इंडिगो ने बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर विमानों को खास पर से इन नई इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए ही पट्टे पर लिया है।
बता दें कि मैनचेस्टर की फ्लाइट के साथ ही लंबी दूरी की इंटरनेशनल क्षेत्र में इंडिगो की एंट्री हो जाएगी। आमतौर पर इंडिगो कम दूरी और मध्यम दूरी की फ्लाइट्स कम लागत में कराने वाली एयरलाइन्स के तौर पर फेमस है। एल्बर्स की मानें तो वर्तमान भारतीय कंपनियां देश के इंटरनेशनल हवाई यातायात का 45 फीसदी भार संभालती है। हालांकि 55 फीसदी हिस्सा इसमें अब भी विदेशी एयरलाइनों का ही है।
कंपनी की आय 10 अरब अमेरिकी डॉलर है। यह 90 से अधिक घरेलू एवं 40 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ान सेवाएं मुहैया कराती है। वहीं 430 से अधिक विमानों के बेड़े के साथ रोजाना 2,300 से अधिक उड़ानें संचालित करती है। एल्बर्स ने कहा कि विमानन कंपनी के अंतरराष्ट्रीय परिचालन के विस्तार के साथ ही भारत को ‘कनेक्टिंग’ उड़ानों के लिए एक बेहतरीन स्थल बनाने का भी एक बड़ा अवसर है।
उन्होंने साथ ही बताया कि विमानन कंपनी में महिला पायलटों की संख्या सबसे अधिक है, जो कुल पायलट संख्या का लगभग 15 प्रतिशत है। इंडिगो जून में अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) की 81वीं वार्षिक आम बैठक की राष्ट्रीय राजधानी में मेजबानी करेगी। यह वार्षिक आम बैठक 42 वर्ष के बाद भारत में हो रही है।