By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 17, 2018
कोयंबटूर। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने तमिलनाडु को छोड़े जाने वाले कावेरी के पानी की मात्रा में कटौती करने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निराशा जताई। हालांकि, उन्होंने कहा कि फैसले के कुछ बिंदुओं का स्वागत किया जाना चाहिये। अंतरराज्यीय नदी के पानी पर किसी भी राज्य का ‘अनन्य स्वामित्व’ नहीं होने की बात करते हुए उच्चतम न्यायालय ने दशकों पुराने विवाद को सुलझाने की खातिर कल अपने फैसले में कावेरी नदी के पानी में कर्नाटक के हिस्से में 14.75 टीएमसीएफटी की वृद्धि कर दी और तमिलनाडु के हिस्से में से उतनी ही कटौती कर दी।
इस फैसले को संतुलित बताया जा रहा है। न्यायालय ने हालांकि तमिलनाडु को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए उसे नदी बेसिन से 10 टीएमसीएफटी निकालने की अनुमति दे दी। पलानीस्वामी ने आज कहा कि कावेरी जल न्यायाधिकरण ने तमिलनाडु को 192 टीएमसीएफटी पानी का आवंटन किया था और फैसले में उसके हिस्से में 14.75 टीएमसीएफटी की कटौती और राज्य को 177.25 टीएमसीएफटी आवंटित करना ‘निराशाजनक’ है। उन्होंने यहां हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि कुछ बिंदुओं का स्वागत किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर और टिप्पणी नहीं कर सकते।