By अनन्या मिश्रा | Sep 08, 2024
ऐसे में अगर महिलाएं ऋषि पंचमी का व्रत करती हैं, तो उन्हें रजस्वला दोष से मुक्ति मिलती है। इसलिए यह व्रत महिलाओं के लिए काफी ज्यादा उपयोगी माना जाता है। तो आइए जानते हैं ऋषि सप्तमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में।
ऋषि पंचमी तिथि
हिंदू पंचांग के मुताबिक 07 सितंबर की शाम 05:37 मिनट पर भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शुरू हुई है। वहीं आज यानी की 08 सितंबर की शाम 07:58 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी।
महिलाओं के लिए खास है ये व्रत
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऋषि पंचमी के दिन सप्तऋषि को सम्मान व्यक्त किया जाता है। महिलाएं विशेषकर इस व्रत को करती हैं। ऋषि पंचमी का व्रत महिलाएं अपने पति के प्रति प्रेम, विश्वास और दीर्घायु होने की कामना के साथ करती हैं। इस व्रत के प्रभाव से मासिक धर्म के समय लगे पाप से महिलाओं को छुटकारा मिलता है। ऋषि पंचमी के व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता है। इस व्रत को करने से जातक पाप मुक्त होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हालांकि इस व्रत के नियम बेहद कड़े हैं और महिलाओं को कठिन नियम का पालन करना पड़ता है।
इन चीजों का करें दान
बता दें कि ऋषि पंचमी के दिन व्रत करने वाले जातकों को सप्तऋषि की पूजा के बाद दान करना चाहिए। मान्यता के अनुसार इससे व्रत का फल जल्द मिलता है। ऋषि पंचमी के दिन ब्राह्मण को घी, केला और शक्कर आदि का दान करना चाहिए। इससे जातक को ब्राह्मण का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति को समस्याओं से मुक्ति मिलती है।