कॉफी छोड़ने पर शरीर में होते हैं यह बड़े बदलाव

By मिताली जैन | May 04, 2020

अधिकतर घरों में दिन की शुरूआत चाय या कॉफी से ही होती है। इतना ही नहीं, काम के बीच थकान को दूर करके फिर से एक्टिव होने के लिए बहुत से लोग कॉफी का सेवन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह इंस्टेंट एनर्जी बूस्टर की तरह काम करता है। यकीनन इसके सेवन से आपको थकान का अहसास कम होता है। लेकिन एक सच यह भी है कि कॉफी में कैफीन की उच्च मात्रा पाई जाती है और कैफीन का अत्यधिक सेवन सेहत के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसलिए जो लोग नियमित रूप से कॉफी का सेवन करते हैं, अगर वह उसे छोड़ दें तो उसका असर उनके शरीर पर भी पड़ता है और उनके शरीर में कुछ बड़े बदलाव होते हैं। तो चलिए जानते हैं उन बदलावों के बारे में−

 

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वजन कम होना

अगर आप अपनी फेवरिट कॉफी को अलविदा कहते हैं तो इससे आपको वजन कम करने में सहायता मिल सकती है। दरअसल, कॉफी बनाते समय  चीनी, क्रीम, फ्लेवरिंग या अन्य कैलोरी युक्त एडिटिव्स का इस्तेमाल करते हैं, जिससे आप यूं ही काफी अधिक कैलोरी इनटेक करते हैं। लेकिन अगर आप इसे छोड़ते हैं तो इससे आप अतिरिक्त शुगर व क्रीम आदि का  सेवन करने से बच जाते हैं और फिर इसका असर आपके वजन पर भी पड़ता है। हालांकि कुछ मामलों में व्यक्ति का वजन बढ़ भी सकता है, क्योंकि कॉफी के सेवन से भूख दबती है। लेकिन अगर आप कॉफी नहीं पी रहे हैं तो ऐसे में आपको फैट व शुगर लोडेड फूड आइटम्स को खाने की इच्छा हो सकती है, जिससे आपका वजन बढ़ सकता है।


बेहतर नींद 

कॉफी छोड़ने का सकारात्मक असर आपकी नींद पर दिखाई देता है। अमूमन लोग सिर्फ सुबह के समय ही नहीं, बल्कि शाम के समय में भी कॉफी का सेवन करते हैं। जिससे रात में देर से नींद आती है। दरअसल, सोने से छह घंटे पहले तक कैफीन का सेवन आपकी स्लीप साइकल को प्रभावित कर सकता है। लेकिन अगर आप कॉफी छोड़ते हैं तो कैफीन के अभाव में आपका स्लीप साइकल बेहतर होता है, जिससे आपको पर्याप्त नींद मिलती है।

 

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लगातार सिरदर्द

अगर आप कॉफी लवर हैं तो आपने यह नोटिस किया होगा कि जब आप सुबह के समय कॉफी का सेवन नहीं करते तो आपको सिर में दर्द होता है। ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है। इसलिए जब आप कॉफी पीना बंद करते हैं तो ऐसे में आप अपने शरीर को एड्रेनालाईन और डोपामाइन से वंचित करते हैं। यह हार्मोन एक नेचुरल उत्तेजक के रूप में कार्य करता है और आपको जागृत रखने में मदद करता है। ऐसे में आपके भीतर एडेनोसाइन हार्मोन काफी अधिक बनता है। यह आपके सिर की ओर बढ़ता है और मस्तिष्क के रसायन विज्ञान में बदलाव के कारण व्यक्ति को सिरदर्द की शिकायत होती है।


मिताली जैन


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