टैरिफ को लेकर क्या था वो सवाल जिसे सुनकर जर्मन विदेश मंत्री का सूख गया गला, देखकर मुस्कुरा दिए जयशंकर

By अभिनय आकाश | Sep 03, 2025

जर्मनी के विदेश मंत्री जोहन वेडपूल भारत के पहले दौरे पर आए हुए हैं। दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के बाद दोनों ने संयुक्त बयान भी दिया प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने दोनों नेताओं से सवाल किया कि रूस यूक्रेन के युद्ध को देखते हुए अमेरिका की तरफ से सभी देशों पर टैरिफ लगाकर इसे जंग रुकवाने का टूल बना दिया गया है। भारत पर भी मनमाने तरीके से गलत टैरिफ थोपे गए हैं। इसको लेकर आप दोनों के बीच चर्चा भी हुई होगी, तो इस पर आप क्या कहना चाहेंगे। इस सवाल का पहला हिस्सा तो दोनों नेताओं ने गौर से सुना। लेकिन भारत पर टैरिफ का जिक्र आते ही जर्मन विदेश मंत्री ने वेडपूल का मानो गला सूख पड़ा हो और उन्होंने पानी का ग्लास उठा लिया। वहीं भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर इस सवाल पर मंद मंद मुस्कुराते नजर आए। 

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण और दूरगामी बदलाव हो रहे हैं और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में काफी अस्थिरता है। उन्होंने कहा कि ये दोनों मिलकर भारत, यूरोपीय संघ और भारत व जर्मनी के लिए एक-दूसरे के साथ और अधिक निकटता से काम करने का एक बहुत ही सशक्त आधार तैयार करते हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत के कई देशों के साथ महत्वपूर्ण रणनीतिक संबंध हैं और वैश्विक राजनीति या वैश्विक रणनीति की प्रकृति में यह शामिल है कि इनमें से प्रत्येक संबंध को बनाए रखा जाएगा। आज हम दुनिया में जो बदलाव देख रहे हैं, वे हमारी नीतियों और अन्य देशों के प्रति हमारे दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं। हम वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण और दूरगामी बदलाव देख रहे हैं। हम वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भी काफी अस्थिरता देख रहे हैं और मुझे लगता है कि ये दोनों मिलकर भारत, यूरोपीय संघ और भारत व जर्मनी के लिए एक-दूसरे के साथ और अधिक निकटता से काम करने का एक बहुत ही सशक्त आधार तैयार करते हैं। यह एक ऐसा संबंध है जहाँ काफी तेज़ी से विकास की काफी संभावनाएँ हैं। 

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आज हमारी बातचीत मुख्यतः द्विपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित रही... मंत्री महोदय ने मुझे आश्वस्त किया कि जर्मनी भी यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ता में अपना पूरा सहयोग देगा। तो कुल मिलाकर जवाब हाँ है। दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं। ये बदलाव भारत-जर्मनी के बीच गहरे, मज़बूत और व्यापक संबंधों के लिए एक बहुत ही मज़बूत आधार प्रदान करते हैं। जयशंकर ने कहा कि जर्मनी के साथ भारत का रिश्ता "बेहद महत्वपूर्ण रिश्ता" है, जो अपने सार में बढ़ रहा है और वास्तव में अनिश्चितताओं के इस समय में इसका महत्व और भी बढ़ गया है। 



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