Vishnu Sahastranaam Path: विष्णु सहस्त्रनाम का रोजाना पाठ करने से सौभाग्य में होती वृद्धि, जानिए जाप के नियम
सनातन धर्म में भगवान श्रीहरि विष्णु को जगत का पालनहार माना गया है। विष्णु सहस्रनाम पाठ करने से व्यक्ति को कई तरह से लाभ होता है और पवित्रता और आध्यात्मिक सामर्थ्य में वृद्धि होती है। विष्णु सहस्रनाम श्रीहरि के 1000 नामों का पाठ है, जो उनकी महिमा को व्यक्त करते हैं।
सनातन धर्म में भगवान श्रीहरि विष्णु को जगत का पालनहार माना गया है। विष्णु सहस्रनाम पाठ करने से व्यक्ति को कई तरह से लाभ होता है और पवित्रता और आध्यात्मिक सामर्थ्य में वृद्धि होती है। विष्णु सहस्रनाम श्रीहरि के 1000 नामों का पाठ है, जो उनकी महिमा को व्यक्त करते हैं। इस पाठ को करने से आध्यात्मिक ,ध्यान, भक्ति और आंतरिक व मानसिक शांति मिलती है। विष्णु सहस्त्रनाम का रोजाना पाठ करने से व्यक्ति को बुराइयों, संकटों और आपत्तियों से मुक्ति मिलती है।
मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ रोजाना करता है, उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके नियमित पाठ से संकट और कष्टों से मुक्ति मिलती है। हिंदू धर्म में विष्णु सहस्त्रनाम पवित्र पाठों में से एक है। जो भी व्यक्ति इसका पूरी श्रद्धा और भक्ति से पाठ को सुनता या पढ़ता है। उस व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताने जा रहे हैं कि पूरा लाभ लेने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कब और कैसे किया जाना चाहिए।
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कब करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ
ज्योतिषाचार्य की मानें तो जब जातक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह नीच या कमजोर स्थिति में हो, तो ऐसे में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से जातक को लाभ होता है। साथ ही इसके पाठ से कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
यदि किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति 6, 8, या 12 वे भाव से भ्रमण कर रहा हो, तब भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इससे जातक को किसी तरह की परेशानी नहीं आती और बुरा फल देने वाला ग्रह भी शांत हो जाता है।
कुंडली में बृहस्पति ग्रह की अशुभ स्थिति होने पर व्यक्ति को पेट या लिवर की समस्या होती है। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए ज्योतिषाचार्य विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने की सलाह देते हैं।
अगर किसी व्यक्ति की शादी में किसी तरह की परेशानी आ रही है या फिर शादी के बाद संतान सुख नहीं मिल रहा है। तो विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से लाभ मिलता है।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने के नियम
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए। इसके बाद भगवान श्रीहरि विष्णु का ध्यान करें।
इस पाठ को पीले वस्त्र पहनकर करना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा के समय गुड़ और चने या फिर पीली मिठाई का भोग लगाएं।
बृहस्पतिवार की शाम को नमक आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
विष्णु सहस्त्रनाम का रोजाना पाठ करने के दौरान हमेशा सात्विक वैष्णव भोजन करना चाहिए।
अगर आप चाहें तो इस पाठ का हिंदी में भी जाप कर सकते हैं।
आपको बता दें कि इस संसार में हो रही हर घटना भगवान श्रीहरि विष्णु से जुड़ी है। मान्यता के मुताबिक सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु सभी की मनोकामना पूरी करते हैं। इस पाठ का जाप करने से जीवन की हर बाधा, हर विपदा दूर होती है। ऐसे में अगर आप की भी कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर है तो इसका पाठ करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है। साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनती है।
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