अर्जुन कपूर ने मां की मौत के 6 साल बाद तक नहीं खोला कमरा, कहा- हिम्मत नहीं है मेरे पास!
अर्जुन कपूर के साथ परिणीति चोपड़ा थी। दोनों की फिल्म में शानदार केमिस्ट्री देखने को मिली थी। भले ही पहले फिल्म ने अर्जुन कपूर को स्टार बना दिया हो लेकिन फिल्म की रिलीज से एक महीने पहले ही अर्जुन के साथ एक ऐसा हादसा हुआ था जिसमें अर्जुन ने अपनी जिंदगी की सबसे कीमती चीज को खो दिया था।
कहते हैं कि भगवान सबके पास नहीं रह सकते इस लिए उन्होंने मां को बनाया हैं। मां भगवान होती हैं जो आपने बच्चे का ध्यान रखती हैं। कई लोगों कि किस्मस में लेकिन मां नहीं होती हैं या मां का साथ समय से पहले ही छूट जाता हैं। उनमें से ही एक है बॉलीवुड के अभिनेता अर्जुन कपूर। आज से लगभग 8 साल पहले बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर ने फिल्म इशकजादे से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फिल्म 11 मई 2012 में सिनेमाघर में रिलीज हुई थी। फिल्म को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। इस फिल्म में अर्जुन कपूर के साथ परिणीति चोपड़ा थी। दोनों की फिल्म में शानदार केमिस्ट्री देखने को मिली थी। भले ही पहले फिल्म ने अर्जुन कपूर को स्टार बना दिया हो लेकिन फिल्म की रिलीज से एक महीने पहले ही अर्जुन के साथ एक ऐसा हादसा हुआ था जिसमें अर्जुन ने अपनी जिंदगी की सबसे कीमती चीज को खो दिया था।
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फिल्म की रिलीज से एक महीने पहले अर्जुन कपूर की मां मोना कपूर का निधन हो गया था। मोना कपूर बोनी कपूर की पहली पत्नी थी। मोना से तलाक लेने के बाद बोनी कपूर ने श्रीदेवी से शादी कर ली थी। मोना और बोनी कपूर के दो बच्चे थे, अंशुला और अर्जुन। तलाक के बार मोना कपूर ने अकेले ही अपने दोनों बच्चों की परवरिश की थी। अर्जुन कपूर और अंशुला शुरू से ही अपनी मां को बहुत मानते थे। अर्जुन कपूर ने हाल ही में दिए गये एक इंटरव्यू में कहा कि वैसे तो मैं हर वक्त अपनी मां को याद करता हूं लेकिन इस समय घर पर हूं इस लिए मां की बहुत ज्यादा याद आती है। मां के चले जाने के बाद मैंने अपने आप को काम में ही झोंक दिया था। मेरी मां मेरे डेब्यू से बहुत ज्यादा खुश थी। वह मेरी फिल्म देखना चाहती थी लेकिन ये ख्वाहिश उनकी अधूरी रह गयी। फिल्म की रिलीज से पहले ही उनका स्वर्गवास हो गया।
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इंटरव्यू के दौरान अर्जुन ने अपनी मां से जुड़ी एक बड़ी बात का खुलासा भी किया। उन्होंने कहा कि मां की मौत के बाद 6 साल तक मैंने और बहन ने मां के कमरा नहीं खोला। हमारी हिम्मत ही नहीं होती थी दरवाजा खोलने की। अपने घर का एक हिस्से को बिना देखे कैसे रहा जा सकता हैं लेकिन अंशुला और मैं बहुत डरते थे मां का कमरा खोलने से, मां का समान देखकर बहुत तकलीफ होती, इस वजह से हमने दरवाजा नहीं खोला। अर्जुन ने कहा कि मां के बाद मेरी सहारा बहन अंशुला ही थी। वह पहले दिल्ली में काम करती थी तब मैं अकेला हो गया था। पूरा दिन काम करने के बाद मेरा बहुत मन करता था कि मैं घर जाकर अपनी मां से पूरे दिन का हाल बताऊं। मुझे उन लोगों से कई बार जलन होती हैं जिनकी मां होती हैं।
आपको बता दें कि अर्जुन का मां के लिए ये दर्द पहली बार नहीं फूटा हैं बल्कि पहले भी कई बार अर्जुन अपनी मां को याद करके सबके सामने भावुक हो चुके हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी मां के लिए एक लेटर लिखकर सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
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