न कोई फिल्म, न कोई बयान, फिर क्यों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं चित्रांगदा सिंह
भारतीय राजनीतिज्ञ और कार्यकर्ता शेहला राशिद शोरा (Shehla Rashid) ने एक ट्वीट किया हैं जिसमें उन्होंने जीभ लड़खड़ाने से हुई नाम लेने की गलती को धर्म से जोड़ा हैं। शेहला राशिद ने ट्वीट किया कि चित्रांगदा, मृगांका या क्षितिज जैसे मुश्किल नाम भी हम कभी गलत नहीं बोलते जबकि मुस्लिम नाम बोलने में लोगों से अकसर गलती होती है।
कई नाम ऐसे होते हैं जिनके उच्चारण में काफी तकलीफ होती हैं। चीभ जरा सी इधर-उधर क्या हुई अर्थ का अनर्थ हो जाता है। भारतीय राजनीतिज्ञ और कार्यकर्ता शेहला राशिद शोरा (Shehla Rashid) ने एक ट्वीट किया हैं जिसमें उन्होंने जीभ लड़खड़ाने से हुई नाम लेने की गलती को धर्म से जोड़ा हैं।
इसे भी पढ़ें: दीपिका पादुकोण-विक्रांत मेसी की फिल्म छपाक को मिला ''U'' सर्टिफिकेट
शेहला राशिद ने ट्वीट किया कि चित्रांगदा, मृगांका या क्षितिज जैसे मुश्किल नाम भी हम कभी गलत नहीं बोलते जबकि मुस्लिम नाम बोलने में लोगों से अकसर गलती होती है। मुसलमानों के साथ सीमित समाजीकरण: गेटेड कॉलोनियों में मुसलमानों को किराए पर घर नहीं देते, उनके कार्यस्थल हमें किराए पर नहीं देते हैं, लोकप्रिय संस्कृति में कोई मुस्लिम मुख्य पात्र नहीं है।
इसे भी पढ़ें: अजय देवगन ने अपनी 100वीं फिल्म “तानाजी” को लेकर किया बड़ा खुलासा
चित्रांगदा सिंह बॉलीवुड की लोकप्रिय अभिनेत्री हैं लोगों को अकसर उनका नाम लेने में दिक्कत हो जाती हैं। शेहला राशिद ने अपने ट्वीट में चित्रांगदा का नाम इस्तेमाल किया है जिसे लोगों ने एक्ट्रेस के नाम के साथ जोड़ा हैं और #Chitrangada ट्रेंस होने लगा।
Why do they always misspell/mispronounce Muslim names, while never getting Chitranganda or Mriganka or Kshitij wrong?
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 30, 2019
Limited socialisation with Muslims: their gated colonies don't rent out to Muslims; their workplaces don't hire us; no Muslim lead characters in popular culture. https://t.co/OrLqcnAz7b
आपको बता दें कि देशभर में इस समय सीएए और एनआरसी को लेकर बवाल मचा हुआ है। कुछ देशद्रोही ताकतों ने ये अफवाह फैला रखी है कि एनआरसी और सीएए मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है जिसके बाद देश में आक्रोश फैल गय़ा था। देश में इस समय माहौल काफी खराब है ऐसे में राजनीतिज्ञ शेहला राशिद शोरा का ये ट्वीट आग में घी डालने का काम कर रहा हैं। अब आप खुद सोच कर देखिए बिहार के अधिकतर लोगों को 'र' और 'ड' बोलने में दिक्कत होती हैं। कई लोगों को श और स में समस्या होती हैं ऐसे में जीभ के द्वारा किसी शब्द को न बोले जाने का लिंकअप हम धर्म और जाति से कैसे कर सकते हैं।
अन्य न्यूज़