जब लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र से संभाली परिवार की जिम्मेदारी....

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निधि अविनाश । Sep 28 2019 2:07PM

मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मी लता के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर भी कलाकार और गायक थे। 13 साल की उम्र में ही अपने पिता को खो देने वाली लता मंगेशकर को बचपन से ही सिंगर बनना था पर उनके पिता ऐसा नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी फिल्मों के लिए गाना गाएं। पहली मराठी फिल्म किति हासिल का गीत गाकर उन्होंने अपनी संगीत में पहचान बना लिया था लेकिन लता मंगेशकर के पिता कि वजह से उनका यह गाना फिल्म से हटा दिया गया।

भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज 90वां जन्मदिन हैं। जादुई आवाज़ से सभी को दीवाना कर देने वाली लता मंगेशकर ने तीस से ज्यादा भाषाओं में गाना गाया हैं। अपने स्वर से भारतीय सिनेमा में उन्होंने एक ऐसी छवि बनाई हैं जिससे सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया उनके सगींत की दीवानी हैं। बहन आशा भोंसले के साथ लता मंगेशकर का फिल्मी गायन में सफर काफी मनोरजंन भरा रहा हैं। 40 के दशक से फिल्मों में गाना गाने वाली लता मंगेशकर ने किशोर कुमार, मोहम्मद रफी जैसे कई कलाकार के साथ बहुत सारे हिट गाने गाए हैं। ऐसे गाने जिनको हम आज भी सुनना पंसद करते हैं और हमेशा ही सुनना चाहेंगे। 

मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मी लता के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर भी कलाकार और गायक थे। 13 साल की उम्र में ही अपने पिता को खो देने वाली लता मंगेशकर को बचपन से ही सिंगर बनना था पर उनके पिता ऐसा नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी फिल्मों के लिए गाना गाएं। पहली मराठी फिल्म किति हासिल का गीत गाकर उन्होंने अपनी संगीत में पहचान बना लिया था लेकिन लता मंगेशकर के पिता कि वजह से उनका यह गाना फिल्म से हटा दिया गया।

पिता की मौत के बाद लता को काफी सघंर्ष का सामना करना पड़ा। पैसो की किल्लत ने लता को सगींत की ओर खींच लिया और फिर उन्होनें कुछ हिन्दी और मराठी के लिए गाना शुरू किया। फिल्मों से अपना सफर शुरू करने वाली लता की पहली फिल्म पाहिली मंगलागौर रही। उन्होनें कई फिल्मों में काम किया हैं जैसे कि माझे बाल, चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी माँ (1945), जीवन यात्रा (1946), माँद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952)। लता के साथ-साथ उनकी छोटी बहन आशा भोसलें ने भी उनके साथ काम किया। बता दे कि लता अपने फिल्मों के गानें खुद ही गाया करती थी। 

13 साल में अपने पिता को खो देने वाली लता पर ही परिवार की जिम्मेदारी का बोझ उनके कंधों पर आया गया था। उसी वजह से उन्होने सोच लिया था कि वह कभी शादी नहीं करेंगी। बहनों से दूर होना नहीं चाहता थी लता, इसलिए भी उन्होने ठान लिया था कि वो शादी नहीं करेंगी। कहते हैं कि आशा और लता में हमेशा किसी ना किसी चीज को लेकर लड़ाई हुआ करती थी पर ऐसा नहीं हैं। कहते हैं ना जितने चाहने वाले उतने ही दुश्मन तो ऐसा ही कुछ इन दो बहनों के साथ हुआ। दोनों बहनों को अलग करने के लिए लोग उनके बीच झगड़े करवाते थे लेकिन फिर भी दोनों बहनों के बीच हमेशा प्यार बना रहा।

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