भारतीय फिल्म उद्योग को अधिक समावेशी होने की जरूरत: अदिति राव हैदरी
अभिनेत्री अदिति राव हैदरी का कहना है कि भारतीय फिल्म उद्योग को एक ‘‘अधिक समावेशी’’ जगह बनाने के लिए ‘दक्षिण अभिनेता’ और ‘क्षेत्रीय सिनेमा’ जैसे ‘टैग’ हटाने की जरूरत है।
नयी दिल्ली। अभिनेत्री अदिति राव हैदरी का कहना है कि भारतीय फिल्म उद्योग को एक ‘‘अधिक समावेशी’’ जगह बनाने के लिए ‘दक्षिण अभिनेता’ और ‘क्षेत्रीय सिनेमा’ जैसे ‘टैग’ हटाने की जरूरत है। दक्षिण की फिल्में चाहे उनकी कोई भी हो, कैसे काफी सफल हो रही हैं और हिंदी सिनेमा के प्रभुत्व को भी चुनौती दे रही हैं, इस पर अदिति ने कहा कि क्षेत्र की फिल्मों की लोकप्रियता से उत्तर के फिल्म निर्माताओं को पुनर्मूल्यांकन के लिए प्रोत्साहित होना चाहिए। अभिनेत्री ने कान फिल्म समारोह से इतर फिल्म कंपेनियन की अनुपमा चोपड़ा से कहा, ‘‘हमें और अधिक समावेशी होने की आवश्यकता है। हमें इसे पहले करना चाहिए था। यह कहने के बजाय कि हम ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हम सब एक हैं।
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इसलिए, यह हम बनाम उनका नहीं है। हम एक हैं और हमें जो कुछ भी उपलब्ध है, उसका लाभ उठाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि आजदुनिया सिकुड़ गई है और यह केवल तेलुगू, तमिल तथा हिंदी सिनेमा के साथ नहीं है। उन्होंने कहा कि वह एक दिन स्पेनिश फिल्म में अभिनय करना भी पसंद करेंगी।
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हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम फिल्मों में काम कर चुकीं अदिति ने कहा, ‘‘कहीं न कहीं हमें यह पता होना चाहिए कि हम दक्षिण अभिनेता कहते हैं ... इसका क्या मतलब है? वहां कई भाषाएं हैं। आज तक हम क्षेत्रीय सिनेमा कहते हैं, क्यों? हर क्षेत्र एक क्षेत्र है और उस क्षेत्र में अद्भुत सिनेमा है, निर्देशक जो दूरदर्शी हैं ... हम भारतीय फिल्म उद्योग हैं और हम भारतीय अभिनेता हैं।
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