भाषा एक है या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता: आयुष्मान खुराना

Ayushmann Khurrana

आयुष्मान खुराना का कहना है कि भारत जैसे देश में जहां विविधता सबसे बड़ी ताकत है, वहां एक होने के बजाय दिलों को एक होना चाहिए। मिराज सिनेमा में अपनी आगामी फिल्म अनेक के प्रचार के सिलसिले में को यहां पहुंचे खुराना ने विवाद पर कहा कि देश में सभी भाषाओं के साथ सम्मान का व्यवहार किया जाना चाहिए।

कोलकाता। अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि भारत जैसे देश में जहां विविधता सबसे बड़ी ताकत है, वहां एक होने के बजाय ‘‘दिलों को एक होना चाहिए’’। मिराज सिनेमा में अपनी आगामी फिल्म ‘अनेक’ के प्रचार के सिलसिले में शुक्रवार को यहां पहुंचे खुराना ने विवाद पर कहा कि देश में सभी भाषाओं के साथ सम्मान का व्यवहार किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ने कहा कि जिन्होंने बचपन से हिंदी नहीं बोली है, अगर उनसे अचानक बोलने या सीखने की उम्मीद की जाती है, तो यह ‘‘अनुचित’’ है।

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हिंदी को राष्ट्रबनाए जाने की मांग को लेकर उठे विवाद को लेकर पूछे जाने पर खुराना ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें देश में हर को महत्व देना चाहिए। जो हिंदी नहीं बोल सकते हैं उनके साथ एक निश्चित तरीके से व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए... वास्तव में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई साझा है या नहीं। केवल दिलों के एक होने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इतनी सारी भाषाएं, धर्म हैं और हर 10 किलोमीटर पर बोली बदल जाती है। राष्ट्र की विशिष्टता के रूप में हमारी विविधता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमें देश में हर को महत्व देना चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा पदाधिकारियों के साथ शुक्रवार को अपने डिजिटल संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पार्टी सभी भारतीय भाषाओं को सम्मान के योग्य मानती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं इसका विशेष रूप से उल्लेख करना चाहता हूं क्योंकि हाल के दिनों में के आधार पर नए विवाद पैदा करने के प्रयास किए गए हैं। हमें इस बारे में देश के लोगों को लगातार सतर्क करना होगा।’’ भारत की कोई राष्ट्र नहीं है और हिंदी तथा अंग्रेजी देश की दो आधिकारिक भाषाएं हैं।

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खुराना ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि खेल और सिनेमा ये दोनों ‘‘लोगों को एक सूत्र में जोड़ने और बराबर महसूस कराने वाले’’ हैं जहां भाषा, धर्म या जाति मायने नहीं रखती। पूर्वोत्तर भारत की भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म ‘अनेक’आयुष्मान खुराना अभिनीत जोशुआ नामक एक अंडरकवर पुलिसकर्मी की यात्रा को दर्शाती है, ‘‘जो राष्ट्र के लिए शांति से ज्यादा कुछ नहीं चाहता है।’’ फिल्म में पूर्वोत्तर भारत के लोगों के खिलाफ भेदभाव को दिखाने का प्रयास किया गया है। ‘आर्टिकल 15’ निर्देशक अनुभव सिन्हा के साथ अभिनेता की यह एक और फिल्म है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए एक बहुत ही खास फिल्म है क्योंकि यह आज के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण फिल्म है। इसे अनुभव सिन्हा ने बहुत दिल से बनाया है।’’ खुराना ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं है, यह एक राजनीतिक फिल्म है। फिल्म देश को एकजुट करने, के बारे में बात करती है। इस फिल्म में कई अन्य मुद्दों को छुआ गया है।’’ फिल्म में एंड्रिया केविचुसा, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा और जे डी चक्रवर्ती भी हैं।‘अनेक’ के 27 मई को रिलीज होने की उम्मीद है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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