NFAI में फिल्मों की कई हजार से अधिक रीलें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं: कैग

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कैग के अंतर्गत आने वाले ऑडिट एवं लेखा विभाग ने एक मई 2015 से 30 सितंबर 2017 के बीच पुणे स्थित एनएफएआई के रिकॉर्ड की जांच की। यह जांच कैग के डीपीसी कानून के तहत 3 अक्टूबर 2017 से 18 अक्टूबर 2017 के बीच की गयी जिसमें लापता रीलों के बारे में इंगित किया गया है।

नयी दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (एनएफएआई) में रखीं, फिल्मों की 31,000 से अधिक महत्वपूर्ण रीलें या कैन्स क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं या खो गयी हैं। कैग के अंतर्गत आने वाले ऑडिट एवं लेखा विभाग ने एक मई 2015 से 30 सितंबर 2017 के बीच पुणे स्थित एनएफएआई के रिकॉर्ड की जांच की।यह जांच कैग के डीपीसी कानून के तहत 3 अक्टूबर 2017 से 18 अक्टूबर 2017 के बीच की गयी जिसमें लापता रीलों के बारे में इंगित किया गया है। फरवरी 1964 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत स्वतंत्र मीडिया इकाई के रूप में एनएफएआई की स्थापना की गयी थी। इसका प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय सिनेमा की विरासत को सहेजना है।

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एनएफएआई के खजाने में भारतीय सिनेमा के 106 सालों से अधिक के इतिहास की फिल्में, वीडियो कैसेट्स, डीवीडी, किताबें, पोस्टर, चित्र, प्रेस क्लिपिंग, स्लाइड्स, आडियो सीडी, डिस्क रिकार्ड आदि शामिल हैं। सूचना का अधिकार कानून के तहत एक आवेदक ने कैग की जांच रिपोर्ट हासिल की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016-17 में पुस्तकालय की पुस्तकों का भौतिक सत्यापन किया गया था और निदेशक को रिपोर्ट सौंपी गई थी। लेकिन कैसेट्स, डिस्क रिकार्ड्स, आडियो सीडी, पोस्टर आदि के संदर्भ में ऐसी कोई जांच नहीं की गयी थी।

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एनएफएआई ने फिल्मों की रील, कैन्स, किताबों और पोस्टरों सहित अपनी करीब तीन लाख संपत्तियों के लिए प्रविष्टियों, बारकोड लेबल तैयार करने और लेबल की छपाई की खातिर एक परियोजना शुरू की थी।ऑडिटर ने कहा है, ‘‘एनएफएआई के फिल्म अधिग्रहण रजिस्टर/वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 के अनुसार उपलब्ध 1,32,000 फिल्म रील/कैन के मुकाबले, ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत बिलों और भुगतान से पता चला कि ठेकेदार ने केवल 1,00,377 रीलों के डिब्बे पर बार कोड चिपकाये थे। इससे संकेत मिलता है कि 31,263 से अधिक रीलें / डिब्बे या तो खो गए या फिर क्षतिग्रस्त हो गये।’’

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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