Kangana Ranaut | किसी ने कहा पागल तो किसी ने बेवकूफ, कंगना रनौत के 'भीख में आजादी' वाले बयान पर मचा राजनीतिक घमासान

Kangana Ranaut
रेनू तिवारी । Nov 12 2021 12:21PM

अभिनेत्री कंगना रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’’ और ‘‘जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली ’ जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। पहले भी विवादास्पद बयान देती रहीं कंगना अपने इस बयान से एक बार फिर विवाद में पड़ गयी हैं।

अभिनेत्री कंगना रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’’ और ‘‘जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली ’ जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। पहले भी विवादास्पद बयान देती रहीं कंगना अपने इस बयान से एक बार फिर विवाद में पड़ गयी हैं। आम आदमी पार्टी ने मुंबई पुलिस में आवेदन दाखिल कर कंगना के खिलाफ ‘राजद्रोह पूर्ण और भड़काऊ’ बयान के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं एवं अन्य लोगों ने बुधवार शाम को एक कार्यक्रम में दिये गये अभिनेत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

 आम आदमी पार्टी  ने की कंगना पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 504, 505 और 124ए के तहत कार्रवाई के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘शांति भंग करने के मकसद से जानबूझकर अपमान।’’ मेनन ने मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उम्मीद है कि कुछ कार्रवाई होगी।’’ आईपीसी की धारा 504 ‘शांति भंग की मंशा से इरादतन अपमान’, 505 ‘सार्वजनिक क्षति’ से संबंधित बयानों से जुड़ी है, वहीं 124ए राजद्रोह से संबंधित है।

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वरूण गांधी ने कंगना रनौत को कहा-पागल

पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर रनौत के बयान वाला वीडियो क्लिप भी साझा किया। 24 सेकेंड के इस क्लिप में रनौत को कहते सुना जा सकता है, 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली। वह एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोल रही थीं जिसमें उनकी बात पर कुछ श्रोताओं को ताली बजाते भी सुना जा सकता है। वरुण ने कहा, ‘‘यह राष्ट्र-विरोधी कृत्य है और इसे यही कहा जाना चाहिए। इसे ऐसा नहीं कहना उन लोगों के साथ विश्वासघात होगा जिन्होंने अपना खून बहाया और आज हम एक देश के रूप में तनकर और आजाद खड़े हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोग कभी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के असंख्य बलिदानों को नहीं भूल सकते जिसमें लाखों लोगों की जान गयी और कई परिवार तबाह हो गये। उन्होंने कहा कि इन शहादतों को इस ‘शर्मनाक तरीके’ से अपमानित करने को केवल लापरवाही वाला या संवेदनहीन बयान नहीं कहा जा सकता। कंगना रनौत की आलोचना करते हुए वरुण ने ट्वीट कर कहा, कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?

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कंगना रनौत से पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए : जीतन राम मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने देश की आजादी के बारे में अभिनेत्री कंगना रनौत की विवादित टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना करते हुए उनसे पद्मश्री पुरस्कार वापस लिए जाने की बृहस्पतिवार को मांग की। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (राजग) में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने अपने ट्विटर हैंडल पर राष्ट्रपति को टैग करते और कंगना का एक वीडियो फुटेज साझा करते हुए लिखा, ‘‘कंगना रनौत से पद्मश्री सम्मान अविलंब वापस लेना चाहिए, नहीं तो दुनिया ये समझेगी कि गांधी, नेहरू, भगत सिंह, पटेल, कलाम, मुखर्जी एवं सावरकर सभी ने भीख मांगी, तो आजादी मिली। लानत है ऐसी कंगना पर।’’ उल्लेखनीय है कि रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’’ और ‘‘जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली ’ जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। पहले भी विवादास्पद बयान देती रहीं कंगना अपने इस बयान से एक बार फिर विवाद में पड़ गयी हैं। आम आदमी पार्टी ने मुंबई पुलिस में आवेदन दाखिल कर कंगना के खिलाफ ‘राजद्रोह पूर्ण और भड़काऊ’ बयान के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं एवं अन्य लोगों ने बुधवार शाम को एक कार्यक्रम में दिये गये अभिनेत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रनौत एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोल रही थीं, जिसमें उनकी बात पर कुछ श्रोताओं को ताली बजाते भी सुना जा सकता है। मांझी ने कहा कि उक्त मीडिया समूह को ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सभी समाचार चैनलों द्वारा रनौत को बैन किए जाने की मांग की है।

कंगना रनौत के खिलाफ होनी चाहिए पुलिस में शिकायत: शिवसेना

शिवसेना नेता नीलम गोरहे ने बृहस्पतिवार को कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत पर भारत की आजादी को ‘‘भीख’’ बताने के लिए देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए तथा उनका पद्म श्री पुरस्कार भीवापस ले लेना चाहिए। दरअसल, अभिनेत्री कंगना रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और हमे असलीआजादी2014 में मिली। महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष गोरहे ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अभिनेत्री ने बहुत ‘‘गैर जिम्मेदाराना, आधारहीन और अनैतिहासिक’’ बयान दिया है। उन्होंने दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी समेत सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का भी अपमान किया। शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘उनकी टिप्पणियों के लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उनका पद्म पुरस्कार भी वापस ले लेना चाहिए।

देशद्रोह है कंगना रनौत, स्वतंत्रता सेनानियों को अपमान किया : कांगेस

कांग्रेस ने ‘भारत को आजादी भीख में मिलने’ संबंधी अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि यह ‘देशद्रोह’ है और इसके लिए कंगना से पद्मश्री सम्मान वापस लिया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर वायरल हुई 24 सेकेंड की एक क्लिप में रनौत को कहते सुना जा सकता है, 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली। वह एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोल रही थीं जिसमें उनकी बात पर कुछ श्रोताओं को ताली बजाते भी सुना जा सकता है। कंगना की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि कंगना रनौत को अपने बयान के लिए सभी देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों को अपमान हुआ है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘भारत सरकार को ऐसी महिला से पद्मश्री सम्मान वापस लेना चाहिए जिसने महात्मा गांधी, सरदर पटेल, सुभाष चंद्र बोस, पंडित नेहरू, सरदार भगत सिंह का अपमान किया है। ऐसे लोगों को पद्मश्री देने का मतलब है कि सरकार इस तरह के लोगों को बढ़ावा दे रही है।’’ वल्लभ ने यह आरोप लगाया कि कंगना का बयान ‘देशद्रोह’ है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी कंगना पर निशाना साधा और कहा कि उनका बयान उन लाखों लोगों का अपमान है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘कंगना ने जो कहा है, उसका हर भारतीय नागरिक विरोध करेगा।

आका को खुश करने के लिए कंगना रनौत कर रही है बकवास: प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने रनौत के बयान की तुलना भाजपा की एक कार्यकर्ता से की जिन्होंने हाल में दावा किया था कि भारत को आजादी 99 साल के पट्टे पर मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘नयी रुचि पाठक आई हैं। 99 साल के पट्टे पर भीख में मिली आजादी। आका को खुश करने के लिए झांसी की रानी समेत हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का खून, पसीना और बलिदान भुला दिया गया।’’ 

 स्वरा भारस्कर ने कंगना रनौत के समर्थकों को कहा बेवकूफ 

इतिहासकार एस इरफान हबीब समेत कई लोग उनके बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हबीब ने लिखा, ‘‘बेशर्मी की हद है।’’ अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी अपने ट्विटर पेज पर कंगना का वीडियो क्लिप साझा किया और उनके बयान पर ताली बजाने वालों पर हैरानी जताई। ‘तनु वेड्स मनु’ श्रृंखला की दोनों फिल्मों में कंगना के साथ काम कर चुकीं लेकिन उनकी आलोचक स्वरा ने लिखा, ‘‘ये कौन बेवकूफ ताली बजा रहे थे, मुझे उनके बारे में जानना है।’’ 

 नामी-गिरामी लोगों ने भी की कंगना रनौत की आलोचना

कुछ लोगों ने कंगना को पद्मश्री सम्मान मिलने पर ही सवाल खड़ा किया है। फिल्मकार ओनिर ने कहा, ‘‘क्या अब से हम नया स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे?’’ कंगना का नाम लिये बिना बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा, ‘‘उसे आप क्या कहेंगे जो जब भी मुंह खोले तो जहर उगले।’’ वकील अमन वादुद ने कहा कि यह सोचा-समझा बयान था। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान पर हमले के लिए जमीन तैयार की जा रही है। बहुत सोच-समझकर दिया गया बयान। इसे अलग से पढ़ने की भूल मत कीजिए।’’ स्टैंडअप हास्य कलाकार और सरकार के मुखर आलोचक कुणाल कामरा ने ट्विटर पर ऑनलाइन पोस्ट में लिखा, ‘‘कंगना सही हैं। भारत को सहज विवेक और तर्कसंगत सोच से 2014 में आजादी मिली।’’ रनौत विवादास्पद बयानों को लेकर अक्सर खबरों में रहती हैं-चाहे भाई-भतीजावाद पर फिल्मकार करण जौहर के साथ उनका झगड़ा हो, किसानों के प्रदर्शन पर अभिनेता-गायक दिलजीत दोसांझ के साथ तनातनी रही हो, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना सरकार की आलोचना करने वाले उनके ट्वीट रहे हों या मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से करने की बात हो। उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद मुंबई में असुरक्षित महसूस करने की बात कही थी जिसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की। ट्विटर ने अभिनेत्री का खाता स्थायी रूप से निलंबित कर दिया है और कहा कि ‘ट्विटर के नियमों का बार-बार उल्लंघन करने पर’ ऐसा किया गया। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा पर उनके बयानों के बाद ट्विटर ने यह कदम उठाया था। अब वह इंस्टाग्राम पर अपने वीडियो और संदेश डालती हैं। 

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