पोर्नोग्राफी मामले में राज कुंद्रा ने सबूत नहीं होने का दावा कर मांगी जमानत

Pornographic film case

अश्लील फिल्म मामला: कुंद्रा ने सबूत नहीं होने का दावा कर जमानत मांगी है।बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा को 19 जुलाई को गिफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मुंबई। अश्लील फिल्म मामले में आरोपी कारोबारी राज कुंद्रा ने शनिवार को यहां की अदालत में जमानत अर्जी दाखिल कर दावा किया कि उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है और मामले में दाखिल पूरक आरोप पत्र में कोई सबूत नहीं है जो कथित आपत्तिजनक फिल्म बनाने में उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता को साबित करे। मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने कुंद्रा और तीन अन्य के खिलाफ कथित तौर पर अश्लील (पोर्न) फिल्म बनाने और कुछ ऐप की मदद से प्रसारित करने के आरोप में हाल में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। इसके बाद आरोपी ने मेट्रोपोलिटन अदालत का रुख किया और तर्क दिया कि व्यवहारिक रूप से मामले की जांच हो चुकी है।

इसे भी पढ़ें: राधिका मदान ने कैसे तय किया टीवी से बॉलीवुड का सफर? खुद खोला अपना राज

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा को 19 जुलाई को गिफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस समय कुंद्रा न्यायिक हिरासत में हैं। अधिवक्ता प्रशांत पाटिल के जरिये दाखिल जमानत अर्जी में कुंद्रा ने दावा किया कि आज की तरीख तक अभियोजन के पास एक भी सबूत नहीं है जो ‘हॉटशॉट्स’ ऐप को कानून के आधार पर अपराध के साथ संबद्ध कर सके। अभियोजन के मुताबिक हॉटशॉट्स ऐप के जरिये आरोपी अश्लील सामग्री को अपलोड एवं स्ट्रीमिंग करता था।

इसे भी पढ़ें: इस मशहूर डायरेक्ट संग लिव-इन रिलेशनशिप में थीं शबाना आज़मी, रिश्ता टूटने पर की थी जावेद अख्तर से शादी

जमानत अर्जी में यह भी कहा गया कि पूरे पूरक आरोप पत्र में एक भी आरोप मौजूदा आवेदक (कुंद्रा) के खिलाफ नहीं है जो इंगित करे कि वह किसी वीडियो की शूटिंग में सक्रिय रूप से शामिल थे। बल्कि यह कलाकार के विवेक पर है कि वह सामग्री ऐप पर अपलोड करे या नहीं करे। आवेदन में कहा गया कि शिकायत की सामग्री प्रथम दृष्टया कुंद्रा के खिलाफ किसी अपराध का खुलासा नहीं करती। अर्जी में दावा किया गया कि कुंद्रा को गलत तरीके से मामले में फंसाया गया। उनका नाम प्राथमिकी में नहीं था लेकिन प्रतिवादी (पुलिस) ने उसका नाम जबरन मामले में खींचा। याचिका में कहा गया कि इसकी वजह एजेंसी ही बता सकती है लेकिन उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है। इसमें कहा गया कि जांच में साफ तौर पर दिखता है कि कुंद्रा का ‘आपत्तिजपक सामग्री’ बनाने के किसी भी अपराध में दूर-दूर तक संबंध नहीं है। अदालत कुंद्रा की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़