रजनीकांत अभिनीत ‘काला’ के निर्माताओं ने HC का दरवाजा खटखटाया

Producers of ''black'' starring Rajinikanth knocked on HC''s door
[email protected] । Jun 5 2018 11:51AM

‘काला’ दुनियाभर में सात जून को रिलीज होनी है लेकिन केएफसीसी ने कहा कि राज्य में फिल्म का ना तो वितरण होगा और ना ही प्रसारण।

बेंगलुरू। ‘काला’ फिल्म के निर्माता के. धनुष और उनकी पत्नी ऐश्वर्या ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर अनुरोध किया है कि राज्य सरकार और कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) को फिल्म को सुचारू रूप से रिलीज करने के निर्देश दिए जाए। ‘काला’ दुनियाभर में सात जून को रिलीज होनी है लेकिन केएफसीसी ने कहा कि राज्य में फिल्म का ना तो वितरण होगा और ना ही प्रसारण।

सुपरस्टार रजनीकांत के दामाद धनुष ने याचिका में कहा कि फिल्म प्रदर्शित करना संविधान के तहत याचिकाकर्ताओं का मौलिक अधिकार है। याचिकाकर्ताओं ने कहा, ‘‘सीबीएफसी ने निर्धारित प्रक्रिया और सभी दिशा निर्देशों का पालन करने के बाद ‘काला’ की रिलीज के लिए सिनेमैटोग्राफी एक्ट, 1952 की धारा 5 बी के तहत प्रमाणपत्र जारी किया। ऐसा प्रमाण पत्र मिलने के बाद फिल्म प्रदर्शित करना संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत याचिकाकर्ता का मौलिक अधिकार है। 

उन्होंने कर्नाटक में ‘काला’ से जुड़े निर्देशकों, प्रोड्यूसरों और कास्ट, दर्शकों के लिए तथा थिएटरों में सुरक्षा की भी मांग की। उन्होंने अपनी याचिका में सरकार, गृह विभाग, राज्य पुलिस प्रमुख, बेंगलुरू शहर के पुलिस आयुक्त, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड और केएफसीसी को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि केएफसीसी ने कावेरी विवाद पर रजनीकांत के कथित विचारों के बाद कर्नाटक में ‘काला’ का वितरण और रिलीज करने से इनकार किया है।

उन्होंने कहा कि केएफसीसी के अध्यक्ष सा रा गोविंदु ने 30 मई को प्रेस में एक बयान जारी कर कहा था कि कर्नाटक में कहीं भी फिल्म का ना तो वितरण किया जाएगा और ना ही उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि कई कन्नड़ समर्थक संगठनों ने मुख्यमंत्री एच डी कुमास्वामी से ‘काला’ पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका पर आज सुनवाई हो सकती है। इस बीच, विवादित अभिनेता प्रकाश राज ने कर्नाटक में फिल्म पर रोक पर सवाल उठाया है। 

प्रकाश राज ने ट्वीट कर कहा, ‘‘फिल्म काला का कावेरी मुद्दे से क्या लेना देना है ? क्यों हमेशा फिल्म समुदाय को निशाना बनाया जाता है? क्या जद (एस)-कांग्रेस सरकार असामाजिक तत्वों को कानून अपने हाथ में लेने देगी जैसा कि भाजपा ने पद्मावत के साथ किया या आप आम आदमी और उनकी पसंद के अधिकार के हित में कदम उठाएंगे?’’ राज ने एक बयान में कहा, ‘‘ये कौन लोग है जो यह तय करते हैं कि ज्यादातर कन्नड़ भाषी क्या करना चाहते है या क्या नहीं ? वितरकों , निवेशकों और थिएटर मालिकों तथा उन पर निर्भर हजारों लोग का क्या ? उन लाखों सिनेमा प्रेमियों का क्या जिनकी वजह से ये लोग कमाते हैं?’’

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