‘ठाकरे’ जैसी फिल्म में काम करने पर गर्व है: नवाज़ुद्दीन सिद्धीकी
मुझे ‘ठाकरे’ जैसी फिल्म करने पर गर्व है। प्रशंसक चाहे इसको लेकर कुछ भी कहें, मैं बंधी हुयी छवी वाला अभिनेता नहीं हूं जो एक ही तरह का किरदार 25-30 साल तक अदा करता रहे।’’
मुंबई। अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि उन्हें ‘ठाकरे’ फिल्म करने का कोई दुख नहीं है क्योंकि इसमें काम करने का फैसला सोच-समझकर लिया था ताकि वह अपने अभिनय के साथ प्रयोग कर सकें। ‘ठाकरे’ फिल्म शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के जीवन पर आधारित थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर विफल रहने के साथ-साथ आलोचकों की सराहना भी हासिल नहीं कर पाई थी। फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हुई थी और इसे दर्शकों ने 2019 के चुनाव से ठीक पहले रिलीज करने के लिए ‘प्रोपेगेंडा’ फिल्म करार दिया था। इस फिल्म के लिए आलोचना का सामना करने के बाद भी अभिनेता ने कहा कि उन्हें इसका हिस्सा होने पर गर्व है।
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उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ मैं एक अभिनेता हूं और मैं पर्दे पर अलग-अलग किरदार अदा करना पसंद करूंगा। मुझे ‘ठाकरे’ जैसी फिल्म करने पर गर्व है। प्रशंसक चाहे इसको लेकर कुछ भी कहें, मैं बंधी हुयी छवी वाला अभिनेता नहीं हूं जो एक ही तरह का किरदार 25-30 साल तक अदा करता रहे।’’ अभिनेता ‘द स्ट्रेंजर इन मी’ किताब के विमोचन के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम से इतर बोल रहे थे। इस किताब को नीता शाह और अदिति मेंदिरत्ता ने लिखा है।
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अभिनेता की आत्मकथा ‘ऐन ऑर्डिनरी लाइफ’ 2017 में प्रकाशित हुई थी लेकिन इस पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने इसे वापस ले लिया था। इस किताब में दरअसल अभिनेता ने पूर्व मिस इंडिया निहारिका सिंह और अभिनेत्री सुनीता राजवर के साथ अपने संबंधों का जिक्र बिना उनकी अनुमति के किया था। अभिनेता से जब यह पूछा गया कि क्या वह अपनी आत्मकथा पर दोबारा काम करेंगे तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में अभी नहीं सोच रहे हैं।
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