हिंदी सिनेमा पर निर्देशक सुधीर मिश्रा कहा, फिल्मों में विविधता का अभाव
फिल्म निर्देशक सुधीर मिश्रा का मानना है कि हिंदी फिल्म जगत में विविधता के भाव के कारण एक भेड़चाल सी चल रही है जो कि युवा पीढ़ी को भिन्न-भिन्न विचारों से वंचित कर रही है।
नयी दिल्ली। फिल्म निर्देशक सुधीर मिश्रा का मानना है कि हिंदी फिल्म जगत में विविधता के भाव के कारण एक भेड़चाल सी चल रही है जो कि युवा पीढ़ी को भिन्न-भिन्न विचारों से वंचित कर रही है। मिश्रा ने ‘पीटीआई भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘एक अभाव है खासतौर पर हिंदी पट्टी में जहां संस्कृति एक तरफा हो गई है और एक प्रकार की भेड़चाल पैदा हो गई है।
युवा पीढ़ी न तो कुछ अलग देख पा रही है, न ही कुछ अलग सुन पा रही है और ना ही कोई विकल्प तलाश पा रही है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि युवा पीढ़ी पोषण की कमी की शिकार है। सिनेमा भी एक प्रकार का पोषण ही है जो एक व्यक्ति को अनेक देशों तथा संस्कृतियों को समझने का अवसर देता है। उन्हें भिन्न दृष्टिकोणों, विश्व तथा विचारों से वंचित किया जा रहा है। हॉलीवुड और बॉलीवुड कहानी कहने भर का माध्यम नहीं हैं।
‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ जैसी फिल्मों के निर्देशक मिश्रा ने जागरण फिल्म फेस्टिवल ‘अंडर द बेनिअन ट्री ऑन ए फुल मून नाइट’ के लांच कार्यक्रम के इतर कहा कि अगर एक ही प्रकार की फिल्मों का दबदबा बना रहेगा तो युवा काफी चीजों से वंचित रह जाएंगे।
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