फिल्म उद्योग अनुशासित हो गया है: माधुरी दीक्षित
80 और 90 के दशकों में रुपहले पर्दे पर राज करने वाली अभिनेत्री माधुरी दीक्षित का कहना है कि हिंदी फिल्म उद्योग अब अधिक ‘‘अनुशासित’’ हो गया है।
मुंबई। 80 और 90 के दशकों में रुपहले पर्दे पर राज करने वाली अभिनेत्री माधुरी दीक्षित का कहना है कि हिंदी फिल्म उद्योग अब अधिक ‘‘अनुशासित’’ हो गया है। माधुरी ने कहा, ‘‘आजकल फिल्में निर्धारित समय में पूरी होती हैं और अब इसमें काम करने वाले लोग समय के पाबंद हो गये हैं। यहां अनुशासन है। इसके अलावा, अब भिन्न-भिन्न तरह की फिल्में बन रही हैं और अच्छा कारोबार कर रही हैं। अब केवल गीत और नृत्य की बात नहीं है, बल्कि अब उन्होंने फिल्मों की कहानी पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आजकल अभिनेत्रियों को प्रमुख स्थान मिलता है और वह फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी अच्छा काम कर रही हैं। आपको एक बंधी हुई पटकथा मिलती है और आपको अपने किरदार, अपनी लुक के बारे में पता होता है। अभिनेता को केवल अपने किरदार पर ध्यान देना होता है। फिल्म उद्योग ठीक दिशा में आगे बढ़ रहा है।’’ उद्योग मंडल फिक्की की ओर से आयोजित फिक्की फ्रेम्स-2017 के मौके पर माधुरी (49) अपने पति श्रीराम नेने के साथ आयी थीं। उन्होंने इस मौके पर अपनी ऑनलाइन डांस एकेडमी और शादी के बाद के अपने जीवन और मां बनने से जुड़े अनुभवों के बारे में बताया।माधुरी ने कहा कि अब ज्यादा लेखक महिला केन्द्रित किरदारों वाली कहानियों में रचि ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बदलाव एक रात में नहीं होता। मैं देख रही हूं कि अब अभिनेत्रियों को दिमाग में रखकर ज्यादा किरदार लिखे जा रहे हैं। आज की महिलाएं केवल एक मां ही नहीं हैं, बल्कि अब वे घर, बच्चों और सभी चीजों का ध्यान रखती हं और लोग इस बात पर ध्यान दे रहे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि माधुरी आखिरी बार फिल्म ‘गुलाब गैंग’ में नजर आयी थीं।
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