क्रिकेटर बालू पालवणकर पर बायोपिक बनाएंगे तिग्मांशु धूलिया
औपनिवेशिक भारत में उथल-पुथल के दौरान एक दलित गेंदबाज को उसके साहसी संघर्ष के लिए पहचाना गया। फिल्म निर्माता तिग्मांशु धूलिया इस क्रिकेटर पर अब एक बायोपिक बनाने जा रहे है।
मुंबई। औपनिवेशिक भारत में उथल-पुथल के दौरान एक दलित गेंदबाज को उसके साहसी संघर्ष के लिए पहचाना गया। फिल्म निर्माता तिग्मांशु धूलिया इस क्रिकेटर पर अब एक बायोपिक बनाने जा रहे है। ‘‘बालू’’ टाइटल वाली यह फिल्म बाएं हाथ के स्पिनर बालू पालवणकर की कहानी बयां करेगी, जिन्होंने वर्ष 1900 की शुरआत में हिंदू जिमखाना क्लब के लिए खेला था। वह दलित समुदाय के पहले सदस्य थे जिन्होंने इस खेल पर अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ी।
तिग्मांशु ने बताया, ‘‘मैं गुमनाम नायकों के बारे में कहानियां बताना पसंद करता हूं। पान सिंह की तरह बालू पालवणकर का नाम भी क्रिकेट के बाहर अनजान है। उनकी कहानी भारत की कहानी है तथा क्रिकेट के अलावा और क्या बेहतर पृष्ठभूमि हो सकती है।’’ विनय सिन्हा और प्रीति सिन्हा के प्रोडक्शन वाली इस फिल्म की शूटिंग अगले साल शुरू होने की संभावना है। अभी फिल्म निर्माता इस पर शोध कार्य समाप्त कर रहे हैं। प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ– रामचंद्र गुहा इस पर शोध कार्य कर रहे हैं। प्रीति ने कहा, ‘‘तिग्मांशु ने रामचंद्र गुहा की एक किताब पढ़ी थी जिसमें बालू के बारे में एक अध्याय था। उन्होंने मुझे भी पढ़ने के लिए कहा क्योंकि कहानी बहुत आकषर्क थी। उन्होंने ना केवल क्रिकेट खेला बल्कि बाद में राजनीति में भी आये थे। उनका जीवन वृतांत बड़े स्क्रीन पर दिखाने लायक है।’’ अपने समय का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर होने के बावजूद बालू को दलित समुदाय का होने के कारण कभी टीम का कप्तान नहीं बनाया गया। धूलिया और दरब फारूकी ने ‘‘बालू’’ की पटकथा लिखी है और नम्रता सिन्हा इसकी सह निर्माता हैं। ‘‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’’, ‘‘अजहर’’ और सचिन तेंदुलकर पर आगामी डॉक्यूमेंट्री जैसी फिल्मों की श्रृंखला में किसी क्रिकेटर पर यह एक अन्य बायोपिक होगी।
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