कंगना के खिलाफ राजद्रोह: उच्च न्यायालय ने बांद्रा की अदालत से दस्तावेज मांगे

Kangana

रनौत और चंदेल के वकील रिजवान सिद्दीकी ने अदालत से कहा कि मामले में शिकायतकर्ता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष सौंपे गए दस्तावेज और उच्च न्यायालय को दिए गए दस्तावेज एक जैसे नहीं हैं जिसके बाद न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की खंडपीठ ने दस्तावेजों की मांग की।

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बांद्रा की अदालत से कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ राजद्रोह मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। रनौत और चंदेल के वकील रिजवान सिद्दीकी ने अदालत से कहा कि मामले में शिकायतकर्ता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष सौंपे गए दस्तावेज और उच्च न्यायालय को दिए गए दस्तावेज एक जैसे नहीं हैं जिसके बाद न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की खंडपीठ ने दस्तावेजों की मांग की। 

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सिद्दीकी ने अदालत से कहा कि मजिस्ट्रेट को ‘‘जल्दबाजी’’ में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए थे और इसमें ‘‘दिमाग नहीं लगाया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष इस तरह की शिकायत दर्ज करने से पहले कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।’’ सिद्दीकी ने कहा कि कानून के मुताबिक, किसी शिकायत को पहले संबंधित थाने के वरिष्ठ निरीक्षक के पास भेजा जाता है। अगर दो हफ्ते के अंदर कोई जवाब नहीं मिलता है तो एक पत्र क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त के पास भेजा जाता है और फिर मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।’’ 

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पीठ ने कहा कि वह जांच के लिए दस्तावेजों को मजिस्ट्रेट की अदालत से मंगाएगी। अदालत ने निर्देश दिया, ‘‘इसलिए इस मामले में हम बांद्रा के मजिस्ट्रेट की अदालत से संबंधित दस्तावेज मंगवाना उपयुक्त समझते हैं।’’ इसके बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 22 मार्च तय कर दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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