देश में 2023 तक 5,000 कम्प्रेस्ड बायो-गैस संयंत्र लगाये जायेंगे: प्रधान
देशभर में 2023 तक करीब 5,000 कम्प्रेस्ड बायो-गैस (सीबीजी) संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को यह बात कही।
भुवनेश्वर। देशभर में 2023 तक करीब 5,000 कम्प्रेस्ड बायो-गैस (सीबीजी) संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि इन संयंत्र में कृषि अवशेष, गोबर और स्थानीय निकायों के ठोस कचरे से बायो गैस सृजित की जायेगी। इससे सालाना 1.5 करोड़ टन सीबीजी उत्पादन का अनुमान है।
Suggested officials of our OMCs to conduct road shows on SATAT in all the 30 districts of Odisha and create awareness about CBG, which will help us in creating a cleaner and better environment beside creating an alternative business model to promote Gas based economy. pic.twitter.com/gC6RLBz62n
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) December 16, 2018
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प्रधान ने यहां एसएटीएटी (किफायती परिवहन की दिशा में सतत वैकल्पिक ईंधन) पहल में हितधारकों की प्रतिभागिता बढ़ाने के लिये पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा आयोजित एक रोड शो में यह बात कही। इस पहल के तहत बायोगैस को वैकल्पिक ईंधन रूप में बढ़ावा दिया जायेगा। इस पहल की शुरूआत एक अक्टूबर 2018 को शुरू किया गया था। प्रधान ने कहा कि एसएटीएटी पहल का उद्देश्य कृषि अवशेष से सीबीजी पैदा करना है।
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By 2023 , we have aimed to set up at least 5000 CBG plants in the country with an expected investment of over Rs 1.75 Lakh Crore. It will provide employment opportunity in various levels and also double farmers income, besides empowering & making us self sufficient. pic.twitter.com/cEfmH79WKj
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) December 16, 2018
SATAT initiative will provide an opportunity to young entrepreneurs. In Odisha 500 CBG plant will be set up, which will attract an investment of around Rs 20,000 Crore.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) December 16, 2018
उन्होंने कहा कि इस पहल से रोजगार के अवसर सृजित होंगे, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और ओडिशा के विकास में तेजी आयेगी। बायो गैस, प्राकृतिक गैस का विकल्प है और परिवहन क्षेत्र में सीएनजी की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है।
वर्तमान में देश में प्राकृतिक गैस की दैनिक खपत करीब 14 करोड़ घन मीटर है जिसमें से सिर्फ 7 करोड़ घन मीटर गैस घरेलू स्रोतों से मिलती है। शेष गैस का आयात किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य देश में इस्तेमाल किये जा रहे ऊर्जा के विभिन्न स्त्रोतों में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 2022 तक बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना है। वर्तमान में इसकी हिस्सेदारी 6-7 प्रतिशत है।
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