टाटा समूह की एक पूर्व अधिकारी ने यौन उत्पीड़न का मामला उठाया

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[email protected] । Nov 2 2018 5:12PM

टाटा समूह की एक होटल कंपनी की पूर्व महिला अधिकारी अंजुली पंडित का अरोप है कि समूह की एक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। समूह और उस कंपनी ने उसके आरोप को खारिज करते हुए कहा है

नई दिल्ली। टाटा समूह की एक होटल कंपनी की पूर्व महिला अधिकारी अंजुली पंडित का अरोप है कि समूह की एक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। समूह और उस कंपनी ने उसके आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी कंपनियों में ’अभद्र व्यवहार का सबूत मिलने पर उचित कार्रवाई होती है।’ अंजुली पंडित ने एक बड़े अंग्रेजी अखबार में लिखा है कि उन्होंने ताज होटल्स के उस समय के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश सरना के आचरण की शिकायत की थी। यह शिकायत समूह की कार्यकारी परिषद के सदस्यों, चेयरमैन और मानव संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गयी थी। अंजुली पंडित टाटा समूह की इस होटल कंपनी में सरना की कार्यकारी सहायक थीं। उन्होंने लिखा है कि कंपनी के अधिकारियों को इस मामले का ‘‘ केवल एक ही समाधान मिला कि उन्होंने मुझे तत्काल ताज से त्याग-पत्र देने को कह दिया।’’

उन्होंने लिखा है कि उन्हें ताज की कार्यवाही में भरोसा नहीं रह गया क्योंकि कंपनी में शिकायतों की जांच करने वाली आंतरिक समिति में ’सरना और उनके अधीनस्थ चार लोग थे और एक बाहरी सदस्य था जो टाटा समूह की सबसे निकट की कानूनी सेवा कंपनी का आदमी था।’’इस मामले में टाटा समूह के प्रवक्ता ने कहा कि समूह की आचार संहिता के तहत ‘ एक समुचित स्वतंत्र समिति ने इस मामले की जांच की थी।’ उसने कहा कि पंडित कंपनी में निदेशक थी और जांच रपट की जानकारी उन्हें दे दी गयी थी। प्रवक्ता ने कहा कि टाटा समूह ’संगठन में किसी भी अभद्र व्यवहार का साक्ष्य मिलने पर उसके विरुद्ध समुचित कार्रवाई करता है।’ ताज होटल का परिचालन करने वाली इंडियान होटल्स कंपनी लि (आईएचसीएल) के एक प्रवक्ता ने इस मामले में ईमेल पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा, ‘ ईमेल में जिस मामले का उल्लेख है उसकी जांच की गयी थी। इसके लिए एक स्वतंत्र समिति बनायी गयी थी। उसने उसको देखा था।‘‘

पंडित ने लिखा है कि उन्होंने नवंबर 2015 में कंपनी से इस्तीफा दे दिया। उनका कहना था कि इस्तीफे के बाद टाटा संस की ओर से एक कानूनी सेवा कंपनी ने उनसे संपर्क कर एक पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा था कि वह इस मामले पर प्रेस के सामने अपना मुंह नहीं खोलेंगी। उन्होंने लिखा है, ‘ जब मैंने इनकार कर दिया तो ताज ने एक नयी समिति बनायी ताकि यह साबित किया जा सके कि जांच विधिवत ढंग से की गयी थी । समिति किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी और अपनी प्रक्रिया और रपट मुझे भी सौंपने के मेरे अनुरोध को नहीं सुना। 

पंडित अमेरिका की नागरिक हैं। उनके पास भारतीय मूल की विदेशी नागरिक (ओसीआई) का कार्ड है। उन्होंने 2009 में इस समूह में काम शुरू किया था। बीच में वह पेरिस में पढ़ाई के लिए चली गयी थीं। जनवरी 2014 में फिर उस समय टाटा संस के चेयरमैन सायरस मिस्त्री के कार्यालय में भर्ती की गयीं और यूरोप, पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीकी देशों के सरकारी विभागों के साथ संबंध का काम देखती थी। वहां से उन्हें ताज होटल्स में सरना का कार्यकारी सहायक बनाया गया। उन्होंने सरना की अभद्रता के बारे लिखा कि वेतन की बातचीत में मेरे शरीर को लेकर टिप्पणियों के साथ ही वासनात्मक दुराग्रह शुरू कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि वह इस तरह के दुराग्रहों को काम की बातचीत के जरिए टाल देती थीं या ऐसा न करने का आग्रह करती थीं। कभी कभी हताशा में उन्हें आंसू आ जाते थे। पर सरना पर इसका असर नहीं पड़ता था। ‘परिस्थितियां असहनीय हो गयी और हम दोनों का धैर्य टूट गया।’’ उसके बाद उन्होंने यह मामला ताज समूह के निदेशकों सहित विभिन्न मंचों पर उठाया। 

जब मुझे लगा कि अपनी बात रखने के लिए मुझे दरकिनार किया जा रहा है तो मेरी इस शिकायत पर चेयरमैन ने कहा कि ‘ हम जितना अच्छा कर सकते थे वह कर चुके हैं।’ मुझे लगा कि महिला होने के नाते मुझे दबा दिया गया। हताश हो कर मैने काम छोड़ दिया।’ टाटा संस ने पिछले महीने अपने यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर अपने विज्ञापन सलाहकार सुहेल सेठ से संबंध खत्म कर लिया।

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