अनुदान की मांगों के तहत बड़ी राशि लोकोन्मुखी गतिविधियों के लिये है: सीतारमण
सरकार ने 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप केंद्रीय कर में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटे की भारपाई के उद्देश्य से राज्यों को अतिरिक्त आवंटन के लिये 46,602.43 करोड़ रूपये की मांग की है। वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच में 54 अनुदान और एक विनियोग शामिल हैं।
कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान जो नहीं थे, जिनका खाता नहीं था, उनके पास मनरेगा का पैसा पहुंचता था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद मनरेगा का आवंटन लगातार बढ़ता गया और इसे प्रभावी एवं पारदर्शी ढंग से लोगों तक पहुंचाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के कर संग्रह में 29.1 प्रतिशत की गिरावट आई है लेकिन राज्यों को निर्वाध रूप से पैसा जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच राज्यों को कर संग्रह का 49 प्रतिशत पैसा दिया गया है। सीतारमण ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 537 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है और 4.4 अरब डॉलर की एफडीआई भी आई है। यह सब अर्थव्यवस्था पर विश्वास की वजह से है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी को ‘दैवीय घटना’ (एक्ट ऑफ गॉड) कहने संबंधी अपनी टिप्पणी को लेकर की गई आलोचनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि व्यंग्य किये गए जबकि सब जानते हैं कि कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए कोई इलाज और कोई टीका अभी तक विकसित नहीं हुआ है। जीडीपी में गिरावट संबंधी आलोचना पर सीतारमण ने कहा कि पूरी दुनिया में ऐसे हालात हैं।Launching Mahatma Gandhi NREGS is one thing and using it effectively is another. According to CAG (Comptroller & Auditor General of India), MGNREGS funds were sent in ghost accounts: Finance Minister Nirmala Sitharaman https://t.co/Ie67wQyO6g pic.twitter.com/JTecCLckGc
— ANI (@ANI) September 18, 2020
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उन्होंने कहा कि विपक्ष को अफवाह फैलाने से बचना चाहिए, हम कोविड के हालात में भी राज्यों का पैसा नहीं रोक रहे हैं। इससे पहले निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि हम किसी राज्य का अधिकार नहीं छीन रहे हैं और जीएसटी से जुड़ा राज्यों के हिस्से का पैसा केंद्र सरकार निश्चित तौर पर देगी। वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के दस्तावेज में कहा गया है कि, ‘‘ संसद से 2,35,852.87 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिएअनुमोदन मांगा जाता है। ’’ इसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) कार्यक्रम के तहत 40 हजार करोड़ रूपये के अधिक व्यय की मंजूरी मांगी गई है। वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच संबंधी दस्तावेज के अनुसार, इसमें निवल नकद व्यय 1,66,989.91 करोड़ रूपये का है और विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की बचत और बढ़ी हुई प्राप्तियों या वसूलियों के जरिये 68,868.33 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जायेगा।’’ सरकार ने 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप केंद्रीय कर में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटे की भारपाई के उद्देश्य से राज्यों को अतिरिक्त आवंटन के लिये 46,602.43 करोड़ रूपये की मांग की है। वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच में 54 अनुदान और एक विनियोग शामिल हैं।
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