किसानों के अनावश्यक कानूनी खर्च कम करने की वकालत
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किसानों के त्वरित विवाद निपटान की वकालत करते हुए वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने आज कहा कि किसानों के अनावश्यक कानूनी खचरें को कम करने में मदद के प्रयास किये जाने चाहिए।
किसानों के त्वरित विवाद निपटान की वकालत करते हुए वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने आज कहा कि किसानों के अनावश्यक कानूनी खचरें को कम करने में मदद के प्रयास किये जाने चाहिए। एक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में किसानों को खेत की जमीन तक संपर्क मार्ग से संबंधित मामलों में काफी धन और समय गंवाना पड़ता है। यहां नाबार्ड द्वारा आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा, 'ऐसे मामले वर्षों चलते रहते हैं जिसके कारण किसानों को जिला मुख्यालयों की यात्रा करने में, वकीलों को फीस देने इत्यादि में अनावश्यक खर्चे करने होते हैं। क्या जिला प्रशासन द्वारा ऐसे मामलों को त्वरित तरीके से निपटाने की कोई प्रणाली है ताकि उनकी (किसानों की) आय को संरक्षित किया जा सके।'
उन्होंने कहा, 'क्या यह जिला प्रशासन का एक महत्वपूर्ण एजेंडा हो सकता है।' मंत्री ने कहा कि गैर उत्पादक खर्चों को कम करने से किसानों की आय की स्थिति भी सुधरेगी क्योंकि तब वे धन का उत्पादक इस्तेमाल कर पायेंगे। मेघवाल ने यह भी कहा कि प्रदेश स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी), जिला स्तरीय परामर्श समिति (डीएलसीसी) को अपने एजेंडे में किसानों की आय को दोगुना करने का एजेंडा भी शामिल करना चाहिये।
मेघवाल ने कहा, 'हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को हासिल करने के लिए कठोर परिश्रम करना चाहिये।' प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था को बढ़ाकर, बेहतर गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराकर, फसल बीमा और कटाई बाद फसल नुकसान को रोक कर इत्यादि जैसे उपायों के साथ किसानों की आय को दोगुना करने के लिए एक सात सूत्री रणनीति का अनावरण किया है। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गये फसल बीमा योजना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह काफी अभिनव योजना है जो किसानों की आय को संरक्षित करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाना भी किसानों की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस मौके पर नाबार्ड के अध्यक्ष हर्ष कुमार भनवाला ने कहा कि नाबार्ड, सरकार, राज्य सरकारों, बैंकों और अन्य एजेंसियों की साझेदारी में विभिन्न क्रेडिट एवं गैर-क्रेडिट हस्तक्षेपों के जरिये किसानों की आय को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
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