वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एनसीआर के लिए पौधारोपण लक्ष्य 17.33 प्रतिशत बढ़ाया
हरित कार्य योजना को अंतिम रूप देते समय सड़कों के किनारे हरियाली पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। हरित अभियान के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों को भी शामिल किया गया है।
नयी दिल्ली| वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए पौधारोपण लक्ष्य में 17.33 प्रतिशत की वृद्धि की है।
एक बयान में बताया गया कि आयोग ने भूमि के छोटे और बड़े दोनों क्षेत्रों के बेहतर उपयोग और एनसीआर में जैव विविधता तथा शहरी पारिस्थितिकी पर विचार करते हुए मियावाकी पद्धति अपनाने समेत बड़े पैमाने पर हरियाली, पौधारोपण और शहरी वनीकरण की पहल पर जोर दिया है।
हरित कार्य योजना के अनुसार, हरियाणा के एनसीआर जिलों में 85,06,999 पौधे (58.59 प्रतिशत की वृद्धि), राजस्थान के एनसीआर जिलों में 9,84,992 पौधे (35 प्रतिशत की वृद्धि) और उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों में 1,64,05,873 पौधे (2.05 प्रतिशत की वृद्धि) लगाए जाएंगे। दिल्ली ने वर्ष 2022-23 के लिए 31,89,191 पौधारोपण (21.65 प्रतिशत की वृद्धि) का लक्ष्य रखा है।
पूरे एनसीआर के लिए 2022-23 में कुल 2,90,87,055 पौधारोपण का लक्ष्य है, जो पिछले वर्ष के 2,47,89,611 पौधारोपण के लक्ष्य की तुलना में 17.33 प्रतिशत अधिक है।
हरित कार्य योजना को अंतिम रूप देते समय सड़कों के किनारे हरियाली पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। हरित अभियान के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों को भी शामिल किया गया है।
वनीकरण के लिए मियावाकी पद्धति के तहत पौधों को कम दूरी पर लगाया जाता है। इस पद्धति से वनीकरण में काफी सहायता मिलती है। आयोग ने संस्थानों को भी पौधे लगाने के लिए यह पद्धति इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
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