इलाहाबाद बैंक की अगले वित्त वर्ष में पूंजी जुटाने की योजना
राव ने कहा, ‘‘इलाहाबाद बैंक पीसीए से बाहर आ गया है। सरकार द्वारा पूंजी डालने से ऐसा हो पाया है, क्योंकि शुद्ध एनपीए और सीआरएआर से संबंधित कुछ शर्तों को बैंक पूरा नहीं कर पा रहा था।
कोलकात। सार्वजनिक क्षेत्र का इलाहाबाद बैंक अगले वित्त वर्ष में पूंजी जुटाने पर विचार कर रहा है। कोलकाता का यह बैंक हाल में ही त्वरित एवं सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) की प्रक्रिया से बाहर आया है। रिजर्व बैंक ने फरवरी में इलाहाबाद बैंक को कमजोर बैंकों की सूची से हटा दिया था। इलाहाबाद बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस एस मल्लिकार्जुन राव ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा किबैंक साधारण बीमा संयुक्त उद्यम यूनिवर्सल सोम्पो में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री के विकल्प पर विचार कर रहा है। इसके अलावा बैंक का इरादा मुंबई जैसे स्थानों पर अपनी गैर प्रमुख संपत्तियों की बिक्री तैयारी भी की है।
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राव ने कहा, ‘‘इलाहाबाद बैंक पीसीए से बाहर आ गया है। सरकार द्वारा पूंजी डालने से ऐसा हो पाया है, क्योंकि शुद्ध एनपीए और सीआरएआर से संबंधित कुछ शर्तों को बैंक पूरा नहीं कर पा रहा था।
#AllahabadBank is looking to raise around Rs 500-600 crore capital in the next fiscal through dilution in stake of its joint venture insurance company and also by selling non-core assets, its MD and CEO #SSMallikarjunaRao.
— IANS Tweets (@ians_india) March 15, 2019
Photo: IANS pic.twitter.com/OyvUISFvtt
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राव ने कहा कि बैंक का शुद्ध एनपीए छह प्रतिशत से नीचे आ गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बैंक 2019 में मुनाफे में आ जाएगा। सरकार ने बैंक में पूंजी नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए डाली है। उन्होंने कहा कि वृद्धि के लिए हालांकि कुछ पूंजी की जरूरत है लेकिन हम इसको लेकर चिंतित नहीं हैं। राव ने कहा कि सेबी की जरूरत के हिसाब से सरकार के पास अभी बैंक में अपनी और हिस्सेदारी का विनिवेश करने की गुंजाइश है।
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