अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते में बना रहे: रिक पैरी
अमेरिका के ऊर्जा मंत्री रिक पैरी ने कुछ यूरोपीय देशों पर उत्सर्जन पर नियंत्रण करने के पर्याप्त उपाय न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते में बने रहना चाहिए।
वाशिंगटन। अमेरिका के ऊर्जा मंत्री रिक पैरी ने कुछ यूरोपीय देशों पर उत्सर्जन पर नियंत्रण करने के पर्याप्त उपाय न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते में बने रहना चाहिए लेकिन इस पर पुन: मोल-तोल जरूर करना चाहिए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले माह यह फैसला ले सकते हैं कि अमेरिका को ऐतिहासिक 2015 पेरिस समझौते से जुड़े रहना है या नहीं। यह समझौता वैश्विक कार्बन उत्सर्जन को सीमित करने के लिए किया गया था और इस पर 194 देशों ने हस्ताक्षर किए थे।
न्यूयार्क में मंगलवार को ब्लूमबर्ग नवीन ऊर्जा वित्त सम्मेलन में पैरी ने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं कहने वाला हूं कि मैं अमेरिकी राष्ट्रपति को कहूंगा कि चलो पेरिस समझौते से अलग हो जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कहूंगा कि हमें शायद इस पर फिर से बातचीत की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन वाकई उत्सर्जन कम करने की दिशा में एक वास्तविक असर छोड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने फ्रांस और जर्मनी की कार्रवाई पर सवाल उठाए। हालांकि ट्रंप एकपक्षीय तरीके से इस समझौते को रद्द नहीं कर सकते लेकिन वह इस समझौते से अमेरिका की निकासी की प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं। अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा कार्बन-डाइ-ऑक्साइड उत्सर्जक है। ऐसे में अमेरिका का इस समझौते से अलग हो जाना जलवायु परिवर्तन के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
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