कालेधन की घोषणाः अघोषित आय से कर अदा नहीं कर सकते
सरकार ने साफ किया कि आयकर अनुपालन की एक समय के लिए दी जा रही सुविधा का उपयोग करने वाले व्यक्ति देनदारी कम करने के लिए अघोषित आय से कर एवं जुर्माना अदा नहीं कर सकते।
सरकार ने आज साफ किया कि आयकर अनुपालन की एक समय के लिए दी जा रही सुविधा का उपयोग करने वाले व्यक्ति अपनी देनदारी कम करने के लिए अघोषित आय से कर एवं जुर्माना अदा नहीं कर सकते। ऐसा करने वालों के साथ कोई मुरव्वत नहीं की जाएगी। आयकर विभाग ने कुछ सावालों को लेकर आज आय घोषणा योजना (आईडीएस) से जुड़े सवालों पर चौथा स्पष्टीकरण जारी किया है। विभाग से स्पष्टीकरण मांगा गया था कि क्या इस योजना के तहत बिना आय की घोषणा किए अघोषित परिसंपत्ति में से भुगतान किया जा सकता है। इस तरह की छूट से इस योजना के तहत कर, अधिभार और जुर्माने की दी प्रभावी दर 45 प्रतिशत से घटकर करीब 31 प्रतिशत रह जाएगी।
सरकार ने अक्सर पूछे गए सवालों (एफएक्यू) के तौर पर दिए गए स्पष्टीकरण में कहा गया है, ‘‘योजना के तहत कर, अधिभार और जुर्माने की दर में बदलाव की कोई मंशा नहीं है जिसका जिक्र स्वयं योजना में किया गया है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘वित्त अधिनियम 2016 की धारा 184 और 185 में अघोषित आय पर 45 प्रतिशत कर, अधिभार और जुर्माने का जिक्र किया गया है।’’ इसमें कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति एक जून 2016 को 100 लाख रुपए की अघोषित आय का खुलासा करता है और वह अन्य अघोषित संपत्ति से 45 लाख रुपए (30 लाख रुपए, 7.5 लाख रुपए और 7.5 लाख रुपए) का कर, अधिभार और जुर्माना अदा करता है तो इस मामले में घोषणा करने वाले को योजना के तहत इस 45 लाख रुपए का इस्तेमाल कर, अधिभार और जुर्माने के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया गया है पर उसे घोषित आय में शामिल नहीं किया गया है तो उसे कार्रवाई से कोई छुटकारा नहीं मिलेगा। विभाग ने कहा कि इस योजना में छुटकारा पाने के लिए ऐसे व्यक्ति को अपनी पूरी 145 लाख रुपए की अघोषित आय की जानकारी देने होगी और उस पर कर, अधिभार तथा जुर्मान के तौर पर 65.25 लाख रुपए की देनदारी बनेगी।
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