आर्सेलर मित्तल का लक्ष्य, एस्सार के ऋणदाताओं के साथ बातचीत जल्द पूरी हो
एस्सार स्टील के लिये सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी वैश्विक कंपनी आर्सेलर मित्तल का लक्ष्य अब कर्ज में डूबी इस कंपनी के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के साथ बातचीत को जल्द-से-जल्द पूरी करना है।
नयी दिल्ली। एस्सार स्टील के लिये सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी वैश्विक कंपनी आर्सेलर मित्तल का लक्ष्य अब कर्ज में डूबी इस कंपनी के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के साथ बातचीत को जल्द-से-जल्द पूरी करना है। लक्ष्मी निवास मित्तल की अगुवाई वाली विश्व की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी दिवाला कानून के तहत एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए कानूनी लड़ाई में उलझी रही है। एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये वह बोलीदाताओं और खासकर रूस की वीटीबी बैंक प्रायोजित न्यूमेटल के साथ उसकी लड़ाई उच्चतम न्यायालय तक पहुंच गई।
आर्सेलर मित्तल लंबे समय से भारत में प्रवेश की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे अब तक सफलता हाथ नहीं लगी। उसने एक दशक से भी अधिक समय पहले झारखंड और ओडिशा में प्रत्येक एक करोड़ 20 लाख टन क्षमता का एक-एक संयंत्र लगाने की घोषणा की थी लेकिन उन्हें अमल में नहीं लाया जा सका। कल देर रात एस्सार स्टील की सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी आर्सेलर मित्तल ने कहा कि अब जल्द-से-जल्द बातचीत पूरी करने की उम्मीद कर रहे हैं।
इससे पहले आर्सेलर मित्तल के चेयरमैन और सीईओ ने कहा था कि अगर दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी को एस्सार स्टील की बोली लगाने के लिए अयोग्य ठहराये जाने का ऐलान होता है, तो उन्हें हैरानी होगी। कल रात एस्सार स्टील की कर्जदाताओं की समिति ने आर्सेलर मित्तल को बोलीदाता के रूप में वरीयता देने की घोषणा की थी।
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