अरहर 120 प्रति किग्रा से अधिक बढ़ी तो राज्य जिम्मेदारः केंद्र

[email protected] । May 10 2016 2:44PM

केंद्र सरकार ने कहा है कि यदि अरहर की दाल की कीमत 120 रूपये प्रति किलोग्राम से अधिक बढ़ी तो इसके लिए राज्य सरकारें स्वयं जिम्मेदार होंगी।

केंद्र सरकार ने राज्यों को उनकी मांग के अनुरूप दालों की आपूर्ति करने का आश्वासन देने के साथ ही कहा कि यदि अरहर की दाल की कीमत 120 रूपये प्रति किलोग्राम से अधिक बढ़ी तो इसके लिए राज्य सरकारें स्वयं जिम्मेदार होंगी। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने लोकसभा में महंगाई के संबंध में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में बताया कि आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं में शामिल 22 वस्तुओं में से केवल दाल को छोड़कर किसी अन्य वस्तु का दाम नहीं बढ़ा है।

उन्होंने इसका मुख्य कारण उत्पादन कम होने को बताते हुए कहा कि उत्पादन के मुकाबले मांग ज्यादा है। उन्होंने साथ ही कहा कि वर्ष 2014. 15 में सरकार ने 173 लाख टन दलों का और वर्ष 2015.16 में 237 लाख टन दालों का आयात किया था। इसके अलावा निजी क्षेत्र ने 58 लाख टन दलों का आयात किया था। पासवान ने कहा कि दालों विशेषकर अरहर की कीमत में वृद्धि के लिए जमाखोरी जिम्मेदार है। उन्होंने बताया कि इससे निपटना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है।

मंत्री ने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को उनकी जरूरतों के अनुसार दालों की आपूर्ति करेगी लेकिन उन्हें इसके लिए लिखकर देना होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 50 लाख टन का बफर स्टाक खरीद लिया है और दाल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए विभिन्न पहल की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में अरहर का दाम 120 रूपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए, इसके लिए राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं। इससे अधिक दाम बढ़ने पर राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगी।

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