सरकारी बैंकों का बुरा दौर हुआ खत्म, केवल 2 में घाटा किया गया दर्ज, 2018 में 21 में से दो ही मुनाफे में थे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र के 21 में से सिर्फ 2 बैंक ही मुनाफे में थे। लेकिन 2021 में केवल 2 बैंकों में घाटा दर्ज़ किया गया। इसका साथ-साथ बैंक जनता के बीच पैसा भी जुटा रहे हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अच्छा मुनाफा कमाया है। इन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों में तेजी दिखाई है। वित्त वर्ष 2020 में जहां 26,016 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था जबकि 2021 में सार्वजनिक बैंकों ने 31,817 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के घाटे की बात करें तो साल 2021 में केवल बैंकों में ही घाटा दर्ज किया गया है। जबकि तीन साल पहले यानी 2018 में 21 में से सिर्फ 2 बैंक ही मुनाफे में थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र के 21 में से सिर्फ 2 बैंक ही मुनाफे में थे। लेकिन 2021 में केवल 2 बैंकों में घाटा दर्ज़ किया गया। इसका साथ-साथ बैंक जनता के बीच पैसा भी जुटा रहे हैं।
In 2018, just two out of 21 public sector banks were profitable. But in 2021, only two banks reported losses: Finance Minister Nirmala Sitharaman
— ANI (@ANI) September 16, 2021
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वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों ने पिछले छह वर्षों में 5.01 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली की है। इसमें से मार्च 2018 से अब तक 3.1 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फंसे कर्ज के समाधान के लिए राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुर्नगठन कंपनीलिमिटेड (एनएआरसीएल) द्वारा जारी की जाने वाली प्रतिभूति रसीदों के लिए 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 को सरकारी बैंक नहीं भुला पाएंगे। तकरीबन सभी बैंकों ने इसमें भारी घाटा दर्ज किया। इस दौरान इनका नुकसान मिलाकर 85,168 करोड़ रुपये रहा था।
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