उच्च कर अनुपालन पर नोटबंदी की सफलता निर्भर: सीईए
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने कहा है कि नोटबंदी को तभी सफल कहा जा सकता है जब समय के साथ चलन में मुद्रा की मात्रा कम हो और कर अनुपालन में वृद्धि हो।
कोच्चि। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने कहा है कि नोटबंदी को तभी सफल कहा जा सकता है जब समय के साथ चलन में मुद्रा की मात्रा कम हो और कर अनुपालन में वृद्धि हो। उन्होंने यहां सोमवार रात एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘नोटबंदी से पहले नकद-जीडीपी अनुपात 12 प्रतिशत के आसपास था। आने वाले समय में इसमें कमी आनी चाहिए तभी नोटबंदी सफल मानी जा सकती है।’’
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने नोटबंदी के कदम का लागत और लाभ को रेखांकित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में चलन में मुद्रा को आसानी से मापा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी की सफलता के लिये करदाताओं की संख्या को आगे बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि रिजर्व बैंक ने चलन से हटायी गयी मुद्रा का 70 प्रतिशत हिस्सा ही नये नोट के रूप में चलन में लाया है लेकिन उसने कल से निकासी पर लगी रोक को हटा लिया।
सुब्रमणियम ने कहा कि व्यवस्था में बदलाव का संकेत है और इसके परिणामस्वरूप कर अनुपालन भी बढ़ना चाहिए। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि इस कदम की सफलता के लिये डिजिटलीकरण की प्रगति पर नजर रखी जा सकती है और रखी जाएगी। लेकिन इस पर भी ध्यान होना चाहिए कि कैसे 3.5 करोड़ लोग डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को ले रहे हैं, जिनके पास न तो स्मार्टफोन है और न ही फीचर फोन। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि देश नकद आधारित अर्थव्यवस्था है और डिजिटलीकरण को ऐसे लोगों पर थोपा नहीं जाना चाहिए।
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