बैंकों को बुनियादी ढांचा वित्तपोषण के लिए तैयार कर रहे: राय
भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की दबाव वाली परिसंपत्ति (एनपीए) के समाधान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और उन्हें अगले साल मार्च तक बुनियादी ढांचा वित्तपोषण के लिए तैयार किया जा रहा है।
सिंगापुर। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की दबाव वाली परिसंपत्ति (एनपीए) के समाधान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और उन्हें अगले साल मार्च तक बुनियादी ढांचा वित्तपोषण के लिए तैयार किया जा रहा है। यह बात शीर्ष बैंकों की संचालन समिति के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) के अध्यक्ष विनोद राय ने यहां कहा, ‘‘हम 31 मार्च 2017 की समयसीमा के भीतर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज में फंसी राशि के समाधान की गति बढ़ा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि बैंक जल्द से जल्द वित्तपोषण शुरू करें क्योंकि जब तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं के लिए ऋण नहीं देते ये परियोजनाएं शुरू नहीं हो सकतीं।’’
राय ने कहा, ‘‘इसलिए हम चाहते हैं कि वे जल्द से जल्द ऋण बाजार में आएं.. अपने बही-खाते से किसी भी तरह की दबाव वाली परिसंपत्तियों का सफाया कर अगले साल तक ऋण बाजार में लौंटें।’’ उन्होंने कहा कि भारत में हजारों अरब डालर की विकास परियोजनाओं में तेजी आए इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बुनियादी ढांचा वित्तपोषण की क्षमता बढ़ाने की अनिवार्यता पर बल दिया। बीबीबी की दो सदस्यीय निगरानी समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र के 19 बैंकों में कर्ज में फंसी राशि की सफाई का काम शुरू कर दिया है जबकि भारतीय स्टेट बैंक ने ऐसी ही स्थिति में अपनी पांच अनुषंगियों के पुनर्गठन और विलय का काम शुरू किया है।
राय ने सिंगापुर में 18-19 जुलाई को आयोजित दक्षिण एशियाई प्रवासी सम्मेलन में कहा, ‘‘हम अब बैंकों के पुनर्गठन पर काम कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि बैंक सरकार द्वारा पुनर्पूंजीकरण शुरू करने से पहले एनपीए का समाधान करें।’’ उन्होंने कहा कि एनपीए खत्म करने की प्रक्रिया का कठोरता से पालन होगा। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बुरा दौर खत्म हो चुका क्योंकि एनपीए की पहचान हो चुकी है। अब सवाल समस्या के समाधान का है। किसी भी तरह की देरी से बैंकों के ऋण बाजार में वापसी की प्रक्रिया धीमी होगी।’’ राय ने कहा, ‘‘एनपीए का स्तर काफी अधिक है।’’
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