भारत बॉयोटक ने कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 70 करोड़ खुराक सालाना की

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भारत बॉयोटक ने कोवैक्सीन उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 70 करोड़ खुराक सालाना कर दी है।कंपनी ने कहा, ‘‘कंपनी अल्प अवधि में कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में कामयाब हुई है।इसका मुख्य कारण विशेष रूप से डिजाइन किए गये बीएसएल- 3 सुविधाओं की उपलब्धता है।

नयी दिल्ली। भारत बॉयोटेक ने कोविड-19 रोधी टीका ‘कोवैक्सीन’ की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 70 करोड़ खुराक सालाना कर ली है। देश और दुनिया में टीकाकरण अभियान को तेज करने के इरादे से कंपनी ने अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ायी है। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी। उसने कहा कि विनिर्माण क्षमता में वृद्धि हैदराबाद और बेंगलुरु स्थित विभिन्न कारखानों में चरणबद्ध तरीके से की गयी है। कंपनी ने कहा, ‘‘कंपनी अल्प अवधि में कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में कामयाब हुई है।इसका मुख्य कारण विशेष रूप से डिजाइन किए गये बीएसएल- 3 सुविधाओं की उपलब्धता है। भारत में अपनी तरह की यह पहली विनिर्माण सुविधाएं हैं, जिसे उद्देश्य विशेष के लिहाज से तैयार किया गया है। ये संयंत्र विशेषज्ञता से लैस हैं और इनमें पता है कि उच्च गुणवत्ता की वायरल रोधी टीका का विनिर्माण, उसका परीक्षण और उसे आगे जारी किस प्रकार से किया जाना है...।’’

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बयान में कहा गया है कि अन्य देशों में विनिर्माण को लेकर उन भागीदारों के साथ भागीदारी की संभावना टटोली जा रही है, जिनके पास ‘जैवसुरक्षा’ के तहत इस प्रकार के टीके के वाणिज्यिक स्तर पर विनिर्माण की विशेषज्ञता है। हैदराबाद की कंपनी ने कहा कि उसने कोवैक्सीन के लिये रसायन के विनिर्माण को लेकरइंडियन इम्युनोलॉजिकल्स (आईआईएल) के साथ गठजोड़ किया है। कोवैक्सीन को भारत समेत कई देशों में टीके के आपात उपयोग की मंजूरी मिली है। इसके अलावा 60 अन्य देशों में मंजूरी लेने की प्रक्रिया जारी है। जिन देशों में आपात उपयोग की मंजूरी मिली है, उनमें फिलीपीन, मेक्सिको, ईरान, निकारगुआ, वेनेजुएला, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे समेत अन्य देश शामिल हैं। इसके अलावा अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में आपात उपयोग की मंजूरी की प्रक्रिया जारी है। आपात उपयोग मंजूरी के तहत अंतरराष्ट्रीय बाजार और सरकारों को आपूर्ति के लिये कीमत 15 से 20 डॉलर प्रति खुराक रखी गयी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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