स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत, CBDT ने एंजल कर को बनाया सरल

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[email protected] । Aug 11 2019 12:38PM

वित्त मंत्रालय ने स्टार्टअप कंपनियों को राहत देते हुए एंजल कर का आकलन प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब किसी भी ऐसे निकाय के खिलाफ सिर्फ तभी कदम उठाया जा सकता है जब इसके लिये एक पर्यवेक्षी अधिकारी से मंजूरी ली गयी हो। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक परिपत्र में कहा है कि यदि कोई स्टार्टअप इकाई वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले आंतरिक व्यापार एवं उद्योग संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से मान्यता प्राप्त है तो आकलन अधिकारी द्वारा उसका कोई प्रमाणीकरण नहीं किया जाएगा।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने स्टार्टअप कंपनियों को राहत देते हुए एंजल कर का आकलन प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब किसी भी ऐसे निकाय के खिलाफ सिर्फ तभी कदम उठाया जा सकता है जब इसके लिये एक पर्यवेक्षी अधिकारी से मंजूरी ली गयी हो। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक परिपत्र में कहा है कि यदि कोई स्टार्टअप इकाई वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले आंतरिक व्यापार एवं उद्योग संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से मान्यता प्राप्त है तो आकलन अधिकारी द्वारा उसका कोई प्रमाणीकरण नहीं किया जाएगा।

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप कंपनियों के मामले में जिसमें फॉर्म दो दायर किया गया है और जिनके मामले धारा 56 (2) (सात-बी) के मुद्दों समेत विभिन्न मुद्दों की जांच के लिये चुने गये हैं,ऐसे मामलों में पर्यवेक्षी सक्षम प्राधिकरण से मंजूरी लेने के बाद ही आकलन अधिकारी आगे की जांच तथा आकलन की कार्यवाही कर सकते हैं।’’ फार्म-2 स्टार्टअप्स को आयकर से छूट के मामले में भरा जाता है। हालांकि, इसके लिये कुछ मानदंड रखे गये हैं। 

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यदि कोई स्टार्टअप को डीपीआईआईटी से मान्यता नहीं मिली है तो भी पर्यवेक्षी अधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद ही कार्यवाही की जा सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में घोषणा करने के बाद यह परिपत्र जारी हुआ है। उन्होंने बजटीय भाषण में आयकर मामलों के लंबित आकलन को लेकर विशेष प्रावधान समेत कई राहत का प्रस्ताव दिया था।

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