किसानों की आय दोगुनी करने के लिये खेती में निजी क्षेत्र को लाएंः CII
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल का मानना है कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिये खेती में निजी क्षेत्र को लाना और कृषि कारोबार में निवेश बढ़ाना जरूरी है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल का मानना है कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिये खेती में निजी क्षेत्र को लाना और कृषि कारोबार में निवेश बढ़ाना जरूरी है। मित्तल ने कहा, ‘किसान उच्च नकदी फसलों, खेती के विविधीकरण में जाने को तैयार नहीं है, क्योंकि पहले वह सुरक्षा कवच चाहता है। ऐसे में यदि सरकार वास्तव में किसानों की आय को दोगुना करना चाहती है और यह प्रधानमंत्री का विजन और मिशन है, तो कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण हो जाती है। इसके साथ ही मित्तल ने कहा कि कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिये नीति आयोग को प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिये राज्यों के बीच कृषि कारोबार सुगमता रैंकिंग तय करनी चाहिये।
कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिये उन्होंने भूमि, बिजली, पानी के क्षेत्र में नीतियों में सुधार लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब तक केवल उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की बात की जाती रही है, पहली बार किसानों की आय बढ़ाने की बात की गई है। सरकार ने पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को फसलों की लागत के डेढ़ गुना पर तय करने का फैसला किया गया है। कई नई कृषि उपज को एमएसपी के दायरे में लाया गया है।
भारती एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष मित्तल ने इस बात पर भी जोर दिया कि दबाव वाली संपत्ति के उन प्रवर्तकों को ऋण शोधन एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत बोली में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए जिन्होंने कर्ज लौटाने में जानबूझकर चूक नहीं की है और संबंधित कारोबारी क्षेत्र से जुड़े कारणों के कारण कंपनी को नुकसान हुआ है। उल्लखेनीय है कि सरकार ने ऋण शोधन प्रक्रिया के तहत कर्ज लौटाने में चूक करने वाली कंपनियों के प्रवर्तकों को नैतिक कारणों का हवाला देते हुए बोली में भाग लेने से प्रतिबंधित किया है। मित्तल ने कहा, ‘‘मेरे हिसाब से जिन मामलों में कर्ज लौटाने में जानबूझक चूक या धोखाधड़ी नहीं हुई है, उनमें प्रवर्तकों को बोली प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए।’’
फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि को गंभीर समस्या बताते हुए मित्तल ने कहा कि अगर यह जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने के कारण है तो सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। मित्तल ने उच्च ब्याज दर के बोझ से जूझ रहे उद्योग की मदद के लिये नीतिगत दर में एक प्रतिशत कटौती की भी वकालत की है। कृषि आय पर कर लगाने के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में सीआईआई के नये अध्यक्ष ने कहा कि सरकार बड़े किसानों पर कर लगाने पर विचार कर सकती है। रोजगार के मामले में मित्तल ने कहा है कि नोटबंदी के बाद संगठित क्षेत्र में रोजगार का नुकसान हुआ लेकिन असंगठित क्षेत्र में पिछले कुछ समय में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं। रोजगार के मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री की मुद्रा योजना को काफी महत्वपूर्ण बताया।
मित्तल ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि के लिये किसानों की जमीन कंपनियों को लंबी अवधि के लिये पट्टे पर देने की शुरूआत होनी चाहिये। इसमें जमीन का मालिना हक भूमिधारी के ही पास रहेगा। ‘‘कुछ राज्य सरकारों ने इस बारे में कानून बनाये हैं लेकिन उद्योग और किसान दोनों में ही जागरूकता की कमी है।’’ मित्तल ने कहा कि भूमि को कम से कम छह साल अथवा इससे अधिक समय तक पट्टे पर देने की सुविधा मिलने पर किसानों की आय में 40 से 50 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। इसके साथ ही दूसरे संबंधित कानूनों में भी संशोधन होना चाहिये।
अन्य न्यूज़