दलाल स्ट्रीट पर मचा हाहाकार, 6 महीने के न्यूनतम स्तर पर सेंसेक्स

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कारोबारियों के अनुसार वैश्विक बाजार में बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी दिखा। अमेरिकी बांड बाजार में रिटर्न कई साल के उच्च स्तर पर पहुंचने तथा मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बीच फेडरल रिजर्व की टिप्पणी से महंगाई दर बढ़ने की आशंका बढ़ी है।

देश के शेयर बाजारों में भारी गिरावट जारी है और अक्तूबर माह का पहला सप्ताह निवेशकों के लिए बहुत भारी साबित हुआ। यह लगातार दूसरा दिन रहा जब शेयर बाजारों में लगभग 800 के आसपास अंकों की बड़ी भारी गिरावट आई। देखा जाये तो शुक्रवार को मुंबई शेयर बाजार में जो 792 अंकों की गिरावट आई उसके चलते सेंसेक्स छह महीने का न्यूनतम स्तर 34,376.99 अंक पर बंद हुआ।

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आइए शेयर बाजार में इस बड़ी गिरावट के कारणों पर डालते हैं नजर-

  • डालर के मुकाबले रुपये के 74 को पार करने तथा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में बाजार की दृष्टि से अप्रत्याशित रुख अपनाए जाने के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में गिरावट के संकेतों के बीच बाजार में यह तेज गिरावट रही। आरबीआई की मौद्रिक नीति के तुरंत बाद अमेरिकी डालर के मुकाबले घरेलू रुपया कारोबार के दौरान 74.23 पर पहुंच गया।
  • रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत ब्याज दर स्थिर रखी है लेकिन अपने नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ की जगह ‘‘नपे-तुले तरीके से कड़ा करने’’ की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
  • कारोबारियों के अनुसार वैश्विक बाजार में बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी दिखा। अमेरिकी बांड बाजार में रिटर्न कई साल के उच्च स्तर पर पहुंचने तथा मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बीच फेडरल रिजर्व की टिप्पणी से महंगाई दर बढ़ने की आशंका बढ़ी है। 
  • मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 5:1 के बहुमत से यथास्थिति बनाये रखने का समर्थन किया। समिति के एकमात्र सदस्य चेतन घाटे ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का समर्थन किया। बाजार यह उम्मीद कर रहा था कि छह सदस्यीय एमपीसी मौद्रिक नीति समीक्षा में कम-से-कम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगी।

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शेयर बाजार में आज की उठापटक पर एक नजर

  • तीस शेयरों वाला सूचकांक पूरे सत्र के दौरान नकारात्मक दायरे में रहा। आरबीआई के प्रमुख नीतिगत दर को यथावत रखने लेकिन अपने रुख को आने वाले समय में सधे हुए ढंग से कड़ा किये जाने के निर्णय से बिकवाली गतिविधियां तेज हुईं।
  • सेंसेक्स एक समय 34,202.22 तक चला गया लेकिन अंत में 792.17 अंक या 2.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 34,376.99 अंक पर बंद हुआ। यह 23 अप्रैल के बाद सेंसेक्स का निचला स्तर है। उस दिन यह 34,450.77 अंक पर बंद हुआ था।
  • रुपये में गिरावट तथा कच्चे तेल के दाम में उछाल के बीच तीन दिन में सेंसेक्स 2149.15 अंक टूट चुका है।
  • नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 282.80 अंक या 2.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,316.45 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 10,261.90 के न्यूनतम स्तर तक चला गया था।

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