BSNL ने प्रतिस्पर्धा का मुद्दा उठाया, वित्त वर्ष में दबाव रहने की चिंता
सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड बीएसएनएली ने चिंता जताई कि दूरसंचार क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा का दबाव मौजूदा वित्त वर्ष में उसके निष्पादन पर पड़ सकता है।
नयी दिल्ली। सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड बीएसएनएली ने चिंता जताई कि दूरसंचार क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा का दबाव मौजूदा वित्त वर्ष में उसके निष्पादन पर पड़ सकता है। इसके साथ ही कंपनी ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि सरकार की तरफ से उसे मिलने वाले बकायों और सहायता के भुगतान में तेजी लाने की जरूरत है।सरकार व दूरसंचार कंपनियों के बीच जारी संवाद की पहल के तहत बीएसएनएल के अधिकारियों ने अंतर मंत्रालयी समूह से मुलाकात की। समूह की आधे घंटे की बैठक के बाद सूत्रों ने कहा बीएसएनल को रिण जुटाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं है क्योंकि उनके पास रिण सुविधा पहले ही उपलब्ध है।बीएसएनएल के एक अधिकारी ने कहा कि बीएसएनल को इस साल दबाव महसूस हो सकता है। हमने इसे पिछले साल महसूस नहीं किया था।
दबाव के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के कारण मोबाइल खंड में यह दबाव हो सकता है। एमटीएनएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक पीके पुरवार ने कहा कि कंपनी को एक तय समय में 8000-10000 करोड़ रुपए के धन की उपलब्धता के लिए सरकारी समर्थन की जरूरत है। एमटीएनएल ने अपनी कर्मचारी लागत में भी सरकारी मदद की गुहार की है। उन्होंने कहा हमारे कुछ पुराने मुद्दे हैं उच्च कर्मचारी लागत को वीआरएस जैसे विकल्पों के जरिए निपटाए जाने की जरूरत है। एयरटेल, वोडाफोन व अन्य निजी कंपनियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन कंपनियों को उनके प्रवर्तकों का समर्थन प्राप्त है। दूरसंचार उद्योग के विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए यह समूह इस सप्ताह दूरसंचार कंपनियों तथा बैंकों से मिल रहा है।
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