यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा बदलने वाला: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
हम सार्वजनिक उपक्रमों को चलाने में कबतक करदाताओं का पैसा लगाएंगे। यह समय इस बारे में निर्णय लेने का है। हम उन्हें बंद नहीं करना चाहते, बल्कि उनके बेहतर तरीके से परिचालन को लेकर निजी क्षेत्र को आमंत्रित करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सोवियत संघ से विरासत में व्यवस्था मिली जिसमें समाजवाद की उपलब्धियों की बात होती थी...कि केवल समाजवाद ही पूरी आबादी का कल्याण कर सकता है। वे कहते हैं कि कल्याणकारी राज्य एक समाजवादी विशेषाधिकार है।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘इसीलिए हमने समाजवाद का रास्ता चुना जो भारत के चरित्र और विचारों में फिट नहीं बैठ सका। हमने इस व्यवस्था को अपनाया...हमने इसी में लाइसेंस कोटा राज के बुरे समय को भी देखा।’’ उन्होंने कहा कि जिस दिशात्मक बदलाव की हम बात कर रहे हैं, उसका मतलब उन चीजों (समाजवाद और उद्योगों के लिये लाइसेंस कोटा राज) से है। अब हम आप पर (नागरिकों और संपत्ति सृजित करने वालों) संदेह नहीं कर रहे। हम आप पर भरोसा करते हैं और आपको देश के विकास में भागदारी के लिये आमंत्रित करते हैं। सीतारमण ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने नागरिकों के प्रमाण पत्रों की नकल को अधिकारियों से सत्यापन कराने की जरूरत खत्म की। उन्होंने कहा कि नागरिक स्वयं अपने दस्तावेजों का सत्यापन कर सकते हैं। कारखानों में ‘बॉयलर’ को प्रमाणित करने वाले निरीक्षण व्यवस्था को भी समाप्त किया गया। उन्होंने कहा कि जब आपने पैसा लगाया और विनिर्माण के जरिये संपत्ति सृजित करने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं तब प्रमाणपत्र के लिये तीसरे पक्ष से निरीक्षण की क्या जरूरत है।Smt @nsitharaman addresses and interacts with industrialists, chambers of commerce, NGOs, tax practitioners, corporate professionals, and doctors at a post-budget interaction in Ahmedabad, Gujarat. pic.twitter.com/Fvvzj3A1vH
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) February 25, 2021
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वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘उसी तरीके से हमने कर प्रणाली में बदलाव किया है। चाहे वह प्रत्यक्ष कर हो या फिर अप्रत्यक्ष कर। पूर्व में हम यह शिकायत सुना करते थे कि हम कर आतंकवाद नहीं थोप सकते। इस प्रकार के शब्द उपयोग किये जाते थे। अब प्रौद्योगिकी ने बड़ा बदलाव लाया है। हमें उम्मीद है कि कोई भी अधिकारी आपको कॉल नहीं करेगा और आपसे कुछ लेकर आने (रिश्वत) और मिलने को नहीं कहेगा।’’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चीजें भविष्य में नहीं होंगी क्योंकि सरकार ने ‘फेसलेस’ आकलन व्यवस्था को अपनाया है। प्रौद्योगिकी अब सभी लेन-देन पर नजर रखेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कमियों को चिन्हित करने के लिये प्रौद्योगिकी बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी यह चिन्हित कर सकती है कि कहां लोग व्यवस्था में कमियोंका दुरूपयोग कर रहे हैं। इसमें अधिकारियों को लोगों से बातचीत करने की जरूरत नहीं है।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘इसीलिए अब प्रौद्योगिकी आतंकवाद का दौर होगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत में कंपनी कर सबसे कम है और यही मुख्य कारण है कि विदेशी कंपनियां देश में अपना आधार बनाना चाहती हैं। विनिवेश के बारे में सीतारमण ने कहा, ‘‘हम सार्वजनिक उपक्रमों को चलाने में कबतक करदाताओं का पैसा लगाएंगे। यह समय इस बारे में निर्णय लेने का है। हम उन्हें बंद नहीं करना चाहते, बल्कि उनके बेहतर तरीके से परिचालन को लेकर निजी क्षेत्र को आमंत्रित करेंगे।
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