नोटबंदी से नकद लेनदेन कम हुआ: नीति आयोग उपाध्यक्ष
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि नवंबर 2016 में उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से बाहर करने (नोटबंदी) की वजह से नकद लेनदेन कम हुआ है और डिजिटल भुगतान प्रोत्साहित करने में मदद मिली है।
नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि नवंबर 2016 में उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से बाहर करने (नोटबंदी) की वजह से नकद लेनदेन कम हुआ है और डिजिटल भुगतान प्रोत्साहित करने में मदद मिली है। रिजर्व बैंक की कल जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 500 और 1,000 रुपये के बंद किये गये नोट का 99.3 प्रतिशत हिस्सा बैंकिंग प्रणाली में वापस पहुंच गया है।
अन्य चीजों के अलावा काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की गई नोटबंदी के समय, परिचालन वाली कुल मुद्रा का लगभग 86-87 प्रतिशत हिस्सा 500 और 1,000 रुपये के रूप में था। एक कार्यक्रम के मौके पर मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कुमार ने कहा, "कौन कहता है कि नोटबंदी का उद्देश्य कम पैसे वापस लेना था? नोटबंदी ने बाजार और बाजार के मनोविज्ञान पर प्रभाव डाला है। कितना लेनदेन नकद में होता रहा है (नोट प्रतिबंध से पहले) और अब स्थिति क्या है?"
एक और सवाल को लेकर, उन्होंने कहा कि सरकार राजकोषीय अनुशासन के प्रति प्रतिबद्ध है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें बढ़ने के समय प्रधान मंत्री ने ईंधन पर उत्पाद शुल्क कटौती के दबाव को दरकिनार किया। उन्होंने आगे कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति, जिसमें ईंधन और भोजन शामिल है, मुख्य मुद्रास्फीति से कम है।
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