गुणवत्ता, वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने पर ध्यान दें रसायन-पेट्रोकेमिकल कंपनियां: मांडविया
मंत्री ने कहा कि भारत स्थिर दीर्घकालिक नीति, लोकतांत्रिक प्रणाली और भारतीय न्यायपालिका के गुण-दोष के आधार पर निर्णय के साथ एक बड़ा उपभोग केंद्र है। इससे भारत वैश्विक निवेश के लिए सबसे अच्छा और सुरक्षित गंतव्य बन गया है। उन्होंने घरेलू कंपनियों से इस अवसर का लाभ उठाने और वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी बनाने को कहा।
रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को रसायन और पेट्रोकेमिकल कंपनियों से भारत को विनिर्माण का केन्द्र बनाने के लिए गुणवत्ता और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनने पर ध्यान देने को कहा। यहां भारत में वैश्विक रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विनिर्माण केंद्र विषय पर एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक निवेश के लिए सबसे अच्छा गंतव्य है तथा उद्योग को विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। मांडविया ने कहा कि उन्होंने भारत को निवेश केंद्र बनाने के लिए रासायनिक पार्क स्थापित करने का निर्देश दिया है और ‘इस संबंध में काम हो रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘‘आज गुणवत्ता पर ध्यान देने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनने की जरूरत है।’’
मंत्री ने घरेलू उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने उद्योग जगत से इस संबंध में एक श्वेत पत्र बनाने को कहा। मांडविया ने कहा कि उद्योग किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है। उद्योग को समर्थन देना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार समग्र तरीके से और सभी अंशधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद नीतिगत निर्णय ले रही है। इससे औद्योगिक उत्पादन के साथ-साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने में भी मदद मिली है। मांडविया ने कहा कि सरकार उद्योग-अनुकूल माहौल बनाने के अपने प्रयास के तहत श्रम सुधार लाई है, नियमों का अनुपालन कम किया है और छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने के लिए एक विधेयक लाई है।
उन्होंने रसायन और पेट्रो-रसायन सहित सभी प्रकार के उद्योगों के लिए भारत को दुनिया का कारखाना बनाने पर जोर दिया। मंत्री ने कहा कि भारत स्थिर दीर्घकालिक नीति, लोकतांत्रिक प्रणाली और भारतीय न्यायपालिका के गुण-दोष के आधार पर निर्णय के साथ एक बड़ा उपभोग केंद्र है। इससे भारत वैश्विक निवेश के लिए सबसे अच्छा और सुरक्षित गंतव्य बन गया है। उन्होंने घरेलू कंपनियों से इस अवसर का लाभ उठाने और वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी बनाने को कहा।
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