कोल इंडिया ने पिछले तीन साल में सीएसआर गतिविधियों पर 1,600 करोड़ रुपये खर्च किए

Coal India
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सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों के दौरान सीआईएल ने सीएसआर गतिविधियों पर 1,600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।’’ साथ ही, कोविड-19 महामारी के कठिन समय में सीआईएल ने देशभर में महामारी से लड़ने में मदद के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए थे।

नयी दिल्ली| सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने पिछले तीन वर्षों में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) परियोजनाओं पर 1,600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। कंपनी की एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। पिछले तीन वर्षों के दौरान कोल इंडिया का सीएसआर पर खर्च के लिए तय लक्ष्य 1,284 करोड़ रुपये था।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों के दौरान सीआईएल ने सीएसआर गतिविधियों पर 1,600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।’’ साथ ही, कोविड-19 महामारी के कठिन समय में सीआईएल ने देशभर में महामारी से लड़ने में मदद के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए थे।

सीआईएल के निदेशक (कार्मिक) विनय रंजन के मुताबिक, कोल इंडिया सीएसआर कार्यों पर खर्च करने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। सीआईएल ने अपने सीएसआर बजट का 60 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य और स्वच्छता क्षेत्र पर खर्च किया है। इसके अलावा, कंपनी ने 10,000 से अधिक युवाओं को रोजगार कौशल प्रदान किया है।

वर्तमान में, सीआईएल देश के आठ राज्यों के 34 जिलों में अपनी सीएसआर गतिविधियों का संचालन करती है। कोल इंडिया का घरेलू कोयला उत्पादन में भी 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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