मेड-इन-इंडिया प्रोडक्ट पर होगा ये बदलाव, जान सकेंगे कौन सा सामान है देसी और विदेशी
चीनी उत्पादों पर नजर रखने के साथ अब सरकार शाकाहारी और मांसाहारी खाद्य पदार्थों के लिए हरे और लाल डॉट्स की तर्ज पर सभी घरेलू और विदेशी निर्मित सामानों के लिए अलग-अलग रंग कोड की व्यवस्था करने पर विचार कर रही है। बता दें कि अब मेड-इन-इंडिया सामान के लिए कलर कोड नारंगी या केसरिया हो सकता है।
भारत और चीनी सेना के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद से दोनों देशों में तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। भारतीय चीनी सामानों का बहिष्कार करने की मांग कर रहे है। यहां तक की केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने चीनी सामानों के साथ-साथ चीनी खानें को भी बैन करने की मांग कीहै।इसी को देखते हुए चीनी उत्पादों पर नजर रखने के साथ अब सरकार शाकाहारी और मांसाहारी खाद्य पदार्थों के लिए हरे और लाल डॉट्स की तर्ज पर सभी घरेलू और विदेशी निर्मित सामानों के लिए अलग-अलग रंग कोड की व्यवस्था करने पर विचार कर रही है। बता दें कि अब मेड-इन-इंडिया सामान के लिए कलर कोड नारंगी या केसरिया हो सकता है। इस कलर से लोग आसानी से समझ सकेंगे की कौन सा प्रोडक्ट देसी है और कौन सा विदेशी।
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जानकारी के मुताबिक सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने भी इसको अनिवार्य कर दिया है और कहा है कि यह एक आत्मनिर्भर भारत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। बता दें कि इसको विक्रेताओं के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है।आने वाले हफ्तों में, अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम मॉल जैसे ई-टेलर्स को एक ही डिस्क्लोजर के मानदंडों का पालन करना होगा। हालांकि, कुछ ऑनलाइन मार्केटप्लेस में कार्यकारी अधिकारियों ने कहा कि उनके लिए योजना को तुरंत लागू करना संभव नहीं होगा क्योंकि उत्पादों की सूची करोड़ों में चलती है। आधिकारियों के मुताबिक अलग-अलग रंग कोड के विचार पर सरकार में चर्चा हो रही है।
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