गुजरात के किसानों के खिलाफ PEPSICO की कार्रवाई सरासर गलत: अहमद पटेल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने शनिवार को कहा कि कॉरपोरेट हित यह तय नहीं कर सकते कि किसानों को किन चीजों की खेती करनी चाहिए और किन चीजों की नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात सरकार को इस घटनाक्रम से अपनी नजरें नहीं फेरनी चाहिए।
अहमदाबाद। पेप्सिको द्वारा ‘‘पंजीकृत’’ आलू की विभिन्न किस्मों की पैदावार को लेकर गुजरात के किसानों के खिलाफ कंपनी द्वारा की गई कानूनी कार्रवाई को ‘‘सरासर गलत’’ करार देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने शनिवार को कहा कि कॉरपोरेट हित यह तय नहीं कर सकते कि किसानों को किन चीजों की खेती करनी चाहिए और किन चीजों की नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात सरकार को इस घटनाक्रम से अपनी नजरें नहीं फेरनी चाहिए।
PepsiCo to make an out-of-court settlement with Gujarat potato farmers
— ANI Digital (@ani_digital) April 27, 2019
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खाद्य एवं शीतल पेय पदार्थ बनाने वाली नामी कंपनी पेप्सिको ने गुजरात के साबरकांठा और अरावली जिलों के नौ किसानों पर आलू की अलग-अलग किस्मों की कथित खेती करने को लेकर मुकदमा कर दिया है। कंपनी ने आलू की इन किस्मों पर अपना ‘पौध विविधता संरक्षण’ (पीवीपी) अधिकार होने का दावा किया है। कांग्रेस नेता पटेल ने कहा, ‘‘गुजरात के आलू किसानों को अदालत तक ले जाने का पेप्सिको का फैसला गलत सलाह पर लिया गया निर्णय और सरासर गलत कदम है। यह पीपीवीएफआर अधिनियम के तहत किसानों के अधिकारों का हनन है।
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राज्य सरकार इस घटनाक्रम से अपनी आंखें नहीं फेर सकती। कॉरपोरेट हित यह नहीं बता सकते कि किसान किन चीजों की खेती करें और किनकी न करें। पटेल पौध विविधता एवं किसान अधिकार संरक्षण अधिनियम (पीपीवीएफआर), 2001 का जिक्र कर रहे थे। पेप्सिको का कहना है कि उसे पौध विविधता एवं किसान अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत आलू की किस्मों पर पौध विविधता संरक्षण अधिकार मिला हुआ है और किसान बीज की किस्मों पर उसके अधिकारों का उल्लंघन कर आलू की पैदावार कर रहे थे।
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कंपनी ने अदालत में चार किसानों से एक-एक करोड़ रूपये और बाकी पांच किसानों से 20-20 लाख रूपये का हर्जाना मांगा है। इस बीच, राज्य के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पेप्सिको की कार्रवाई पर ऐतराज जताया है और कंपनी को मामला वापस नहीं लेने पर परिणाम की धमकी दी है। 190 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बुधवार को केंद्र से अनुरोध किया कि वह कंपनी को गुजरात के किसानों के खिलाफ झूठे मामले वापस लेने के लिए कहे।
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