पहली बार लंदन और बहरीन को निर्यात किया गया ड्रैगन फ्रूट, वाणिज्य मंत्रालय ने दी जानकारी

dragon fruit

मंत्रालय ने कहा कि लंदन को निर्यात की जाने वाली खेप को गुजरात के कच्छ क्षेत्र के किसानों से लिया गया था, जबकि बहरीन की खेप पश्चिम मिदनापुर (पश्चिम बंगाल) के किसानों से मंगवाई गई थी। ड्रैगन फ्रूट की तीन मुख्य किस्में हैं - ‘व्हाइट फ्लेश विथ पिंक स्किन’, ‘रेड फ्लेश विथ पिंक स्किन’ और ‘व्हाइट फ्लेश विथ येलो स्किन’।

नयी दिल्ली। गुजरात और पश्चिम बंगाल के किसानों से प्राप्त किये गये फाइबर और खनिज पदार्थो से समृद्ध ड्रैगन फ्रूट या कमलम की खेप का पहली बार लंदन और बहरीन को निर्यात किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि लंदन को निर्यात की जाने वाली खेप को गुजरात के कच्छ क्षेत्र के किसानों से लिया गया था, जबकि बहरीन की खेप पश्चिम मिदनापुर (पश्चिम बंगाल) के किसानों से मंगवाई गई थी। ड्रैगन फ्रूट की तीन मुख्य किस्में हैं - ‘व्हाइट फ्लेश विथ पिंक स्किन’, ‘रेड फ्लेश विथ पिंक स्किन’ और ‘व्हाइट फ्लेश विथ येलो स्किन’।

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ये फल ज्यादातर कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उगाया जाता है। पश्चिम बंगाल इस विदेशी फल की खेती के लिहाज से नया क्षेत्र है। इस फल का उत्पादन करने वाले मुख्य देशों में मलेशिया, थाइलैंड, फिलिपीन, अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं और ये देश भारत के लिए प्रमुख प्रतिस्पर्धी हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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