भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना से पहुंचेगी गहरी चोट, देखें ये आंकड़े

INDIAN ECONOMY
निधि अविनाश । Apr 27 2020 3:35PM

कोरोना लॉकडाउन के बढ़ने के साथ ही बेरोजगारी दर में भी आसाधारण ढंग से बढ़ोतरी देखने को मिली। 15 मार्च को बेरोजगारी दर जहां 6.7% पर था वो 19 अप्रेल तक बढ़कर 26.2 प्रतिशत हो गया है। वहीं बात करे बैंकिग सेक्टर की तो कोरोना लॉकडाउन से इस सेक्टर को भी काफी झटका लगा है।

नई दिल्ली। तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है। इस कोरोना लॉकडाउन से देश के इकोनॉमी पर काफी गहरा असर पड़ा है। सुस्त पड़े उघोग जगत को अब दोबारा पटरी पर उतारने में काफी समय लग सकता है। जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे है उसी तेजी से देश की आर्थिक स्थिति भी डूबती नजर आ रही है। कोरोना लॉकडाउन से आम लोगों का काम बंद और रोजगार के मौके और घट रहे है। कई लोगों और कंपनियों का कर्ज बढ़ता जा रहा है, करोड़ों लोगों का रोजगार खतरे में बना हुआ है। कोरोना वायरस लॉकडाउन से पड़ रही देश की आर्थिक चपत के इस आंकड़े पर आइये जरा गौर करते है।

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ब्रोकरेज और रिसर्च के आकड़ों से ये पता चलता है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन से पहली बार देश का GDP नेगेटिव जोन में पहुंच रहा है। ये 40 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है। फिच रेटिंग के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर  2021 के अुनसार भारत का GDP ग्रोथ 0.8 रहने का अनुमान है। वहीं देश की इकनॉमी के बड़े हिस्से पर भी ताला लग गया है। बता दे लॉकडाउन के वक्त इकनॉमी का चालू हिस्सा 25%  घट गया था। वहीं  20 अप्रेल को कई राज्यों ने लॉकडाउन नहीं हटाया उसके बावजूद कई जगहों पर दी गई लॉकडाउन ढील से 45% ग्रोथ देखी गई लेकिन जिन इलाकों में कोरोना हॉटस्पॉट से सारी गतिविधियां बंद है वहां इकनॉमी का चालू हिस्सा घटकर 37% पर आ गया है। 

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कोरोना लॉकडाउन के बढ़ने के साथ ही बेरोजगारी दर में भी आसाधारण ढंग से बढ़ोतरी देखने को मिली। 15 मार्च को बेरोजगारी दर जहां 6.7% पर था वो 19 अप्रेल तक बढ़कर 26.2 प्रतिशत हो गया है। वहीं बात करे बैंकिग सेक्टर की तो कोरोना लॉकडाउन से इस सेक्टर को भी काफी झटका लगा है। बता दे कि अगर लॉकडाउन और बढ़ा तो बैंको का  NPA भी तेजी से बढ़ सकता है। कोरोना महामारी से पहले RBI ने बैंकिग सेक्टर का NPA अनुमान 10.5% जाने का अनुमान लगाया था। बता दे कि जब देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब क्षेणी पर पहुंच जाती है तब ही RBI ऐसा अनुमान देता है। 

कोरोना लॉकडाउन से इन सेक्टरों को लगेगा जोर का झटका

 - मिडिल क्लास लोगों पर कर्ज का बोझ बनने का खतरा है

- सैलरी और जॉब जाने की स्थिति में सेवाओं की मांग में कमी आएगी 

- सुस्त पड़ी सेवा सेक्टर को उबरने में काफी समय लगेगा

- सरकार का सपोर्ट नहीं मिलने से कई कंपनियों का दिवालिया होने की आशंका बनेगी

क्या है उपाय?

कोरोना लॉकडाउन से पड़ी सुस्त देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के सिर्फ दो कदम है। पहला, देश की आर्थिक गतिविधियों में दोबारा जान डालने के लिए राहत पैकेज तैयार किया जाए। दूसरा, सरकार और इंडस्ट्री देश की इकनॉमी में रफ्तार डालने के लिए मिलकर काम करें।  

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