मौजूदा मोटरयान कानून पुराना, नया विधेयक आएगा: गडकरी

[email protected] । Jul 25 2016 5:16PM

गडकरी ने आज कहा कि ओला एवं उबर जैसी टैक्सी परिचालकों के विनियमन एवं यातायात से जुड़े विभिन्न मुद्दों के हल के लिए सरकार एक व्यापक विधेयक तैयार कर रही है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि ओला एवं उबर जैसी टैक्सी परिचालकों के विनियमन एवं यातायात से जुड़े विभिन्न मुद्दों के हल के लिए सरकार एक व्यापक विधेयक तैयार कर रही है तथा इस संबंध में जल्दी ही एक नोट कैबिनेट में लाया जाएगा। गडकरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यातायात संविधान की समवर्ती सूची में है और इस विधेयक के संबंध में राज्यों से भी विचार विमर्श किया गया है।

उन्होंने मौजूदा मोटर वाहन कानून के प्रावधानों को पुराना करार देते हुए कहा कि इससे आज की कई चुनौतियों का हल नहीं किया जा सकता। गडकरी ने कहा कि सरकार ने टैक्सियों, रेडियो टैक्सियों आदि संबंधित मुद्दों की जांच के लिए सड़क परिवहन सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है और उससे एक महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि समिति विचार विमर्श के बाद टैक्सी ‘‘एग्रीगेटर’’, नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए टैक्सियों को विनियिमित करने की खातिर राज्यों को दिशानिर्देशों की सिफारिश करेगी। गडकरी ने कहा कि हर साल भारत में करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में सुधार की जरूरत है।

उन्होंने प्रस्तावित विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ विचार विमर्श करने के साथ ही अमेरिका सहित कई विकसित देशों के कानूनों पर भी गौर किया गया है। विभिन्न सदस्यों की चिंताओं पर गडकरी ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में टैक्सियों की दो श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। पहली श्रेणी में 1200 सीसी तक की टैक्सियां होंगी जबकि दूसरी श्रेणी में मर्सिडीज जैसी महंगी गाड़ियां होंगी जो टैक्सी के रूप में चलती हैं।

गडकरी ने कहा कि ‘‘फास्ट ट्रैक कार्ड’’ की योजना बनायी जा रही है जिनमें उपयोगकर्ता से जुड़े तमाम आंकड़े होंगे। उन्होंने मौजूदा कानून को बदलने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि ऐसा होने से इलेक्ट्रोनिक तरीके से सड़कों पर निगरानी हो सकेगी और सार्वजनिक यातायात प्रणाली में भी सुधार हो सकेगा। गडकरी ने कहा कि दिल्ली के धौलाकुंआ से मानेसर के बीच एक परियोजना पर काम कर रही है जिसकी क्षमता मेट्रो के समान ही होगी लेकिन इसकी लागत काफी कम आएगी। उन्होंने कहा कि मेट्रो परियोजना में लागत प्रति किलोमीटर 350 करोड़ रूपए आती है जबकि इस एलिवेटेड परियोजना में प्रति किलोमीटर 50 करोड़ रूपए की लागत आएगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़